एक्सप्लोरर
बात-बात पर आता है गुस्सा तो हो जाइए सावधान ! कहीं इसके पीछे प्रदूषण तो नहीं जिम्मेदार
वायु प्रदूषण के कारण करीब 1.2 मिलियन से ज्यादा भारतीयों की समय से पहले ही मौत हो गई. आंकड़े बेहद डरावने हैं. प्रदूषण सिर्फ जानलेवा ही नहीं बल्कि मेंटल हेल्थ को भी बुरी तरह प्रभावित करता है.
![बात-बात पर आता है गुस्सा तो हो जाइए सावधान ! कहीं इसके पीछे प्रदूषण तो नहीं जिम्मेदार health tips air pollution side effects on mental health in hindi बात-बात पर आता है गुस्सा तो हो जाइए सावधान ! कहीं इसके पीछे प्रदूषण तो नहीं जिम्मेदार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/10/27/5c92a018578abcd4bb0663e1ab687ad61698394109756506_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
मेंटल हेल्थ पर प्रदूषण का असर
Source : Freepik
Pollution Side Effects : जिस कदर प्रदूषण बढ़ रहा है, सेहत के लिए खतरा बनता जा रहा है. देश की राजधानी नई दिल्ली ही नहीं कई शहरों की हवा जहरीली हो चुकी है. जिसमें सांस लेना भी मुश्किल है. ग्रीनपीस के आंकड़ों की बात करें तो साल 2017 में वायु प्रदूषण (Air pollution) के कारण करीब 1.2 मिलियन से ज्यादा भारतीयों की समय से पहले ही मौत हो गई. आंकड़े बेहद डरावने हैं. प्रदूषण सिर्फ जानलेवा ही नहीं बल्कि मेंटल हेल्थ को भी बुरी तरह प्रभावित करता है. जानें कैसे...
मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डाल रहा प्रदूषण
हमारे पर्यावरण में कई ऐसे तत्व आ गए हैं, जो हमारी सेहत के लिए हानिकारक हैं. प्रदूषण भी ऐसी ही स्थिति है. इसका प्रभाव इंसानों ही नहीं बल्कि जीव-जंतुओं पर भी पड़ता है. इससे लंग्स, हार्ट और स्किन तो बुरी तरह प्रभावित होते ही हैं, मेंटल हेल्थ से जुड़ी कई समस्याएं भी होने लगती हैं.
मेंटल हेल्थ के लिए क्यों खतरनाक प्रदूषण
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, फिजिकल हेल्थ प्रभावित करने वाली कोई भी चीज मेंटल हेल्थ भी प्रभावित करती है. बढ़ते प्रदूषण को लेकर कई अध्ययन में पाया गया है कि पॉल्यूशन मानसिक स्वास्थ्य पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रभाव डालता है. अमेरिकी येल और चीन की पेकिंग यूनिवर्सिटी ने इसको लेकर साल 2010 से 2014 तक करीब 32,000 लोगों पर रिसर्च कर पाया कि वायु प्रदूषण का प्रभाव उनकी शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत पर हुआ. महिलाओं की तुलना में प्रदूषण का प्रभाव पुरुषों और सबसे ज्यादा बुजुर्गों पर देखा गया. इसकी वजह से सांस संबंधी समस्याएं, नींद में खलल, हवा में धुंध की वजह से विजन में कमी देखने को मिलती है. ये सभी ब्रेन में न्यूरोट्रांसमीटर स्राव को प्रभावित करती हैं, जो नर्वस सिस्टम के लिए ठीक नहीं माना जाता है. प्रदूषण एंग्जाइटी, डिप्रेशन, पर्सनालिटी डिसऑर्डर और कम सहनशीलता जैसी समस्याओं के भी बढ़ाता है.
नींद पर प्रद्रूषण का असर
एक्सपर्ट के मुताबिक, ज्यादा प्रदूषण नींद को भी प्रभावित कर सकता है. अगर सोने के दौरान आसपास प्रदूषण का लेवल ज्यादा है तो सांस लेने में परेशानी होतीहै और बॉडी में ऑक्सीजन कम हो जाता है, जिससे दिमाग एक्टिव होकर नींद नहीं आने देता है या बार-बार नींद को तोड़ देता है. इससे मूड भी प्रभावित होती है और डिप्रेशन सा लगने लगता है. नींद न पूरी होने की वजह से कई सारी प्रॉब्लम्स होने लगती हैं.
प्रदूषण से बचने क्या करें
हमेशा बाहर जाते वक्त मुंह-कान, नाक ढककर रखें.
आंखों पर चश्मा भी जरूर लगाएं.
घर में नियमित तौर पर डस्टिंग और साफ-सफाई करें.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
यह भी पढ़ें
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, लाइफस्टाइल और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
आईपीएल
महाराष्ट्र
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
ओटीटी
Advertisement
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)