Antibiotics Awareness Week : दुनियाभर में इन दिनों एंटीबायोटिक जागरूकता सप्ताह (World Antibiotic Awareness Week) चल रहा है. हर साल 18-24 नवंबर तक एंटीबायोटिक अवेयरनेस वीक अमेरिका समेत कई देशों में मनाया जाता है. एंटीबायोटिक्स ऐसी दवाईयां होती हैं, जिन्हें डॉक्टर बैक्टीरियल इंफेक्शन के इलाज के लिए देते हैं. ये दवाएं बैक्टीरिया को मारकर उन्हें बढ़ने से रोकने का काम करते हैं. आइए जानते हैं एंटीबायोटिक्स और इसके अवेयरनेस के बारें में...
वर्ल्ड एंटीबायोटिक अवेयरनेस सप्ताह
अमेरिका समेत दुनियाभर में एंटीबायोटिक जागरूकता सप्ताह चल रहा है. इस साल यह सप्ताह 'Preventing Antimicrobial Resistance Together' थीम पर मनाया जा रहा है. इस सप्ताह को मनाने के पीछे का मकसद एंटीबायोटिक्स रेसिस्टेंस की चुनौती से निपटना है. एंटीबायोटिक्स के प्रति समझ बढ़ाने और इसका प्रसार करना मुख्य उद्देश्य है.
एंटीबायोटिक दवाईयां क्या होती हैं
ऐसी बीमारियां जो बैक्टीरिया से फैलती हैं, उनके इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स दवाईयां दी जाती हैं. एंटीबायोटिक्स सर्दी, फ्लू और खांसी जैसे वायरल इंफेक्शन का इलाज नहीं कर सकते हैं. इनका काम बैक्टीरिया को बढ़ने और नष्ट करना होता है. कई बार खतरनाक बैक्टीरिया काफी ज्यादा हो जाती हैं. तब इम्यून सिस्टम उन्हें सही तरह साफ नहीं कर पाती है. ऐसे में एंटीबायोटिक्स उपयोगी हो जाता है.
एंटीबायोटिक कैसे काम करता है
एंटीबायोटिक्स एंटी बैक्टीरियल एंटीबायोटिक जैसे पेनिसिलिन, बैक्टीरिया को मारने का काम करता है. ये दवाईयां आमतौर पर बैक्टीरिया कोशिका दीवार या कोशिका सामग्री के निर्माण में बाधा डालने का काम करती है. बैक्टीरियोस्टेटिक बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है. इसका पहला डोज लेने के बाद लोगों को बेहतर महसूस होने या लक्षणों में सुधार होने में कुछ समय लग सकता है.
एंटीबायोटिक्स लेने का तरीका
ज्यादातर लोग एंटीबायोटिक्स की टैबलेट का सेवन करते हैं. कुछ डॉक्टर इन्हें इंजेक्शन से भी दे सकते हैं या सीधे संक्रमण वाले हिस्से पर सीधे लगा सकते हैं. ज्यादातर एंटीबायोटिक्स कुछ ही घंटों में काम करना शुरू कर देते हैं. कई बार डॉक्टर लोगों को दवाईयों का पूरा कोर्स ही करने की सलाह देते हैं ताकि बैक्टीरिया फिर से न पैदा हो पाए.
खुद से ना लें एंटीबायोटिक्स, बन सकती है खतरनाक
डब्लूएचओ के अनुसार, खुद से ही किसी की सलाह पर एंटीबायोटिक दवा लेने से शरीर को नुकसान पहुंचता है. एंटीबायोटिक प्रतिरोध संक्रमण तक हो सकता है जिससे मरीज को फिर लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहकर इलाज करवाना होता है. स्थिति ज्यादा गंभीर होने पर मरीज की मौत तक हो सकती है. एंटीबायोटिक प्रतिरोध संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है.
डब्लूएचओ के अनुसार, खुद से ही किसी की सलाह पर एंटीबायोटिक दवा लेने से शरीर को नुकसान पहुंचता है. एंटीबायोटिक प्रतिरोध संक्रमण तक हो सकता है जिससे मरीज को फिर लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहकर इलाज करवाना होता है. स्थिति ज्यादा गंभीर होने पर मरीज की मौत तक हो सकती है. एंटीबायोटिक प्रतिरोध संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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