Health Tips: रोज नहाने से हो सकती है ये गंभीर समस्या, जान लें
अगर आप सोचते हैं कि रोजाना नहाकर आप बहुत अच्छा कर रहे हैं तो आप गलत सोच रहे हैं. दरअसल, बहुत ज्यादा नहाने से शरीर में मौजूद माइक्रोबायोम (microbiome) यानि छोटे-छोटे जीव डैमेज हो जाते हैं. माइक्रोब्स के डैमेज होने से एक्ने की दिक्कत हो जाती है.
अगर आप भी सर्दियों में नहाने से बचते हैं तो अच्छी बात है. जी हां, आपको पढ़कर हैरानी होगी कि हम क्या कह रहे हैं लेकिन ये सच हैं. अगर आप रोजाना नहीं नहाते तो ये आपकी हेल्थ के लिए अच्छा है. आमतौर पर लोग सर्दियों में कई बार नहाने से बचते हैं लेकिन इस बात को किसी को बताने में भी शर्माते हैं. लेकिन अब आप बिंदास होकर आप ना नहाएं क्योंकि रोजाना नहाने से आपकी स्किन को नुकसान को होता है.
क्या कहती है रिसर्च- हालिया हुईं दो रिसर्च के मुताबिक, अगर आप सोचते हैं कि रोजाना नहाकर आप बहुत अच्छा कर रहे हैं तो आप गलत सोच रहे हैं. दरअसल, बहुत ज्यादा नहाने से शरीर में मौजूद माइक्रोबायोम (microbiome) यानि छोटे-छोटे जीव डैमेज हो जाते हैं. माइक्रोब्स के डैमेज होने से एक्ने की दिक्कत हो जाती है.
हालांकि रिसर्च में बहुत ज्यादा नहाने से माइक्रोबायोम पर होने वाले प्रभावों को देखा गया है. लेकिन अधिकारिक तौर पर ऐसा कुछ नहीं कहा गया कि शरीर से दुर्गन्ध को रोकने और माइक्रोबायोम को डैमेज होने से बचाने के लिए सप्ताह में कितनी बार नहाना चाहिए.
क्यों जरूरी है माइक्रोबायोम- माइक्रोबायोम बैक्टीरिया, वायरस कई तरह के ऐसे माइक्रोब्स का कलेक्शन है जिस पर ह्यूमन बॉडी जिंदा रहती है. साथ ही ये हर इंसान की हेल्थ के लिए जरूरी हैं. हमारा पूरा शरीर माइक्रोब्स की पूरी कम्यूनिटी पर डिपेन्डेंट हैं. ये जर्म्स से हमारी रक्षा करते हैं. फूड से होने वाली एलर्जी से बचाते हैं साथ ही विटामिन प्रोड्यूस करते हैं.
रिसर्च के मुताबिक, माइक्रोबायोम इसलिए भी इंसान के लिए जरूरी हैं क्योंकि इसके बिना व्यक्ति का इम्यू्न सिस्टम, डायजेशन और हार्ट काम करना बंद कर देते हैं.
क्या कहती है इससे पहले की रिसर्च- 2014 में शोधकर्ताओं ने एक रिसर्च के दौरान ये भी दावा किया था कि पसीने को पीने वाले ये बैक्टीरिया एक्ने गंभीर घावों के ट्रीटमेंट में भी सहयोग करते हैं. रिसर्च में ये भी पाया गया कि मेटाबॉलिस अमोनिया नामक बैक्टीरिया का सबसे मेजर कॅपोनेंट स्वेट होता है जो कि स्किन हेल्थ को इंप्रूव करता है और कई तरह के स्किन डिस्ऑर्डर का ट्रीटमेंट भी करता है.
2015 में आई इसी तरह की एक रिसर्च में पाया गया कि ये बैक्टीरिया आमतौर पर अंडरऑर्म्स और स्वेटिंग में पाए जाते हैं. यॉर्क यूनिवर्सिटी के डॉ. डेन बॉडोन का कहना है कि ये बैक्टीरिया अंडरऑर्म्स से बाहर आते हैं और माइक्रोबायोटा से मिलकर एक्टिव हो जाते हैं.
ये भी कारण है ना नहाने का- एक अन्य रिसर्च के मुताबिक, रोजाना नहाने से स्किन में मौजूद एसेंशियल ऑयल निकल जाता है इससे स्किन ड्राई हो जाती है और स्किन में शाइनिंग भी नहीं रहती. इतना ही नहीं, शरीर में रेड स्पॉट दिखने लगते हैं और दर्द होना शुरू हो जाता है. इससे स्किन डिस्ऑर्डर होने का रिस्क बढ़ जाता है. हालांकि अगर आप रोजाना ऑयल से बॉडी की मसाज करते हैं तो इस खतरे से बच सकते हैं.
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