Health Alert: सांस लेने की तकलीफ़ आए तो हो जाएँ सावधान कहीं हो ना जाए हार्ट फेल...
जल्दी-जल्दी सांस लेने या सांस फूलने को मेडिकल साइंस में डायस्पनिया कहा जाता है, जिसमें चेस्ट में बेहद हार्डनेस फील होती है और दम घुटता है.
अगर आपको सीरियस ब्रीदिंग प्रॉब्लम की शिकायत है तो सावधान हो जाइए, क्योंकि यह हार्ट फेल्योर या सीएओपीडी (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) का संकेत हो सकता है. एक शोध में यह बात सामने आई .
डायस्पनिया प्रॉब्लम जल्दी-जल्दी सांस लेने या सांस फूलने को मेडिकल साइंस में डायस्पनिया कहा जाता है, जिसमें चेस्ट में बेहद हार्डनेस फील होती है और दम घुटता है.
हार्ट या लंग्स की समस्या स्वीडन की यूनिवर्सिटी ऑफ गोथेनबर्ग में शोधछात्र नासिर अहमदी ने कहा कि सांस फूलना आमतौर पर हार्ट या लंग्स से संबंधित बीमारी का संकेत है, क्योंकि दोनों अंग रेस्पिरेटरी सिस्टम से काफी नजदीकी रूप में जुड़े हुए हैं."
हाई ब्लडप्रेशर भी एक कारण शोधकर्ताओं ने कहा कि सीरियस ब्रीदिंग प्रॉब्लम हाई ब्लडप्रेशर का भी संकेत हो सकती है.
एक्सपर्ट ओपिनियन है जरूरी अहमदी ने कहा कि जब लोगों को सांस लेने में परेशानी की समस्या पेश आती है, तो वे अक्सर डॉक्टर के पास जाने से बचते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह बढ़ती उम्र का प्रभाव है. लेकिन अगर आपकी यह समस्या बढ़ती जाती है, तो आपको एक्सपर्ट ओपिनियन जरूर लेना चाहिए."
क्या कहते हैं रिसर्च के नतीजे शोध की रिपोर्ट यह दर्शाती है कि जितनी जल्दी समस्या की जांच होगी, रोग का उतना ही बेहतर पता होगा. शोध में यह बात सामने आई है कि सांस फूलने की समस्या अगर छह सप्ताह या उससे अधिक समय तक जारी रहे, तो लोगों को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि यह हार्ट फेल्योर या फेफड़े की बीमारी का सिम्टम भी हो सकता है.
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