Best Utensils for Cooking : आपके किचन में कई धातुओं के बर्तन मौजूद होंगे, जिनका इस्तेमाल आप खाना बनाने में करती हैं. किसी के किचन में स्टील (steel ) के बर्तन में खाना पकता है तो कई एल्युमीनियम (aluminum) के बर्तन का इस्तेमाल कर रहा है,  जबकि कुछ लोग स्टेनलेस स्टील (stainless steel) में खाना पकाते हैं. गांव-देहात के कई घर आज भी ऐसे हैं, जहां लोहे या मिट्टी के बर्तनों को खाना बनता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनमें से कुछ ऐसी धातुएं भी हैं, जिनके बर्तन में खाना पकाना सेहत (Health) के लिए गंभीर परिणाम लेकर आते हैं. अगर नहीं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि खाना बनाने में किस बर्तन (Best Utensils for Cooking ) का इस्तेमाल करना चाहिए और किसका नहीं...

 

स्टेनलेस स्टील से बने बर्तन

ज्यादातर घरों में स्टेनलेस स्टील के बर्तनों में खाना पकाया जाता है. इसमें खाना जल्दी पक जाता है और एक साथ कई चीजें बनाई जा सकती हैं. स्टेनलेस स्टील के बर्तनों में खाना पकाने के दौरान उसमें मौजूद पोषक तत्व की सिर्फ 60 से 70 प्रतिशत ही बच पाता है. इसलिए जब भी मार्केट जाएं तो क्रोमियम या निकल से पॉलिश हुए स्टेनलेस स्टील बर्तन खरीदने से बचें. यह सेहत के लिए नुकसानदायक होता है.

 

ब्रास यानी पीतल के बर्तन

कुछ घरों में पीतल के बर्तन का भी इस्तेमाल किया जाता है. इसमें खाना पकाने से करीब 90 प्रतिशत पोषक तत्व बरकरार रहता है. साफ-सफाई ज्यादा होने के चलते लोग इसके बर्तनों को अवॉयड करते हैं. लेकिन ब्रास यूटेंसिल में एसिडिक या फिर साइट्रिक खाद्य पदार्थों को नहीं पकाना चाहिए. ये सेहत को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं.

 

आयरन (लोहे) के बर्तन

लोहे के बर्तन में खाना पकाना काफी फायदेमंद माना जाता है. अन्य बर्तनों को मुकाबले यह बेस्ट होता है. कास्ट आयरन या कच्चे लोहे के बर्तनों में खाना पकाने से जरा सी मात्रा में आयरन खाने में घुलता है. यह शरीर को स्वस्थ रखता है. ऐसे लोग जिनकी बॉडी में आयरन की मात्रा ज्यादा हो, यानी थैलेसीमिया मेजर हो, उन लोगों को लोहे के बर्तनों में पका हुआ खाना नहीं खाना चाहिए.

 

नॉन-स्टिक कुकवेयर

आजकल नॉन-स्टिक बर्तनों का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है. हर किचन में ये बर्तन आपको मिल जाएंगे. इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि इसमें कुछ भी पकाने से वह न तो जलता है और ना ही चिपकता है. ज्यादातर नॉन-स्टिक बर्तन टेफ्लॉन से कोटेड किए हुए होते हैं. इसमें कैडमियम और मरकरी पाए जाते  हैं. ये सेहत पर बुरा असर छोड़ते हैं. कैंसर, किडनी, लिवर डिजीज, हार्ट डिजीज, मेंटर प्रॉब्लम्स, नर्व डिसऑर्डर जैसी बीमारियों का खतरा ऐसे बर्तन में खाने से बना रहता है.

 

एल्युमीनियम के बर्तन

एल्युमीनियम एक प्रकार का थायरोटॉक्सिक मेटल होता है. खाना पकाते समय यह आसानी से उसमें घुल जाता है. अगर घर में एल्युमीनियम के बर्तनों का लगातार इस्तेमाल हो रहा है तो गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें कब्ज, लिवर डिसऑर्डर, पैरालिसिस या दिमाग से जुड़ी कोई समस्या.

 

मिट्टी के बर्तन

मिट्टी के बर्तन आंच पर धीरे-धीरे गर्म होते हैं, जिससे भोजन की नमी और पोषक तत्व बची  रहती है. हालांकि, मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने में काफी वक्त लगता है लेकिन बाकी बर्तनों को मुकाबले ये सबसे बेहतर होते हैं. इनसे सेहत को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है.

 

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