Growth Hormone Deficiency: बिग बॉस 16 फेम अब्दु रोजिक (Abdu Rozik) की हाइट सिर्फ 3 फुट 1 इंच है. दुनिया के इस सबसे छोटे सिंगर की उम्र 19 साल है, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि वो आज भी देखने में 7-8 साल के बच्चे लगते हैं. अब्दु छोटी उम्र में ही ग्रोथ हार्मोन डिफिशिएंसी (growth hormone deficiency) के शिकार हो गए थे. 5 साल की उम्र में उन्हें रिकेट्स बीमारी हो गई थी. आइए जाने क्या है यह बीमारी जिसकी वजह से अब्दु रोजिक की हाइट नहीं बढ़ी और इसका क्या इलाज हो सकता है..
ग्रोथ हार्मोन डिफिशिएंसी क्या है
बच्चों के शरीर की हड्डियों और टिशू के विकास के लिए ग्रोथ हार्मोन का स्त्राव जरूरी होता है, लेकिन जब पिट्यूटरी ग्लैंड से ग्रोथ हार्मोन का पर्याप्त स्राव नहीं हो पाता है या यह पूरी तरह बंद हो जाता है, तब ग्रोथ हार्मोन डिफिशिएंसी होती है. इस बीमारी की वजह से बौनापन और ठिगनापन आता है.
किस तरह होती है यह बीमारी
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर किसी वजह से पिट्यूटरी ग्लैंड या हाइपोथैलमस ग्लैंड डैमेज हो जाए तो बच्चे में ग्रोथ हार्मोन नहीं बनता है. बच्चे के जन्म से पहले या बाद में इंज्युरी भी वजह से भी ऐसा हो सकता है. कई बार इनके कारणों का पता नहीं चल पाता है. पिट्यूटरी ग्लैंड दिमाग के बेस में मटर की साइज का मास्टर ग्लैंड होता है. इसकी वजह से 16 अन्य हार्मोन भी स्रावित होते है, इसलिए दूसरे हार्मोन के प्रभाव भी दिखने लगते हैं.
ग्रोथ हार्मोन डिफिशिएंसी के क्या लक्षण होते हैं
1. अगर बच्चे का विकास उसी उम्र के दूसरे बच्चे की तरह न हो तो समझ जाएं कि वह ग्रोथ हार्मोन डिफिशिएंसी की समस्या से जूझ रहा है.
2. इस बीमारी में बच्चे की लंबाई अन्य बच्चों से काफी बहुत होती है.
3. कई मामलों में ग्रोथ हार्मोन डिफिशिएंसी के साथ फीमेल में एस्ट्रोजन और मेल में टेस्टेस्टोरॉन डिफिशिएंसी भी होती है. अगर ये दोनों एक साथ हो जाए तो बच्चों में 4. यौवनारंभ की समस्या भी हो सकती है. मतलब फीमेल बच्चे में ब्रेस्ट का डेवलपमेंट नहीं हो पाता और पीरियड भी नहीं आता. जबकि, मेल बच्चे की आवाज दूसरे बच्चों की अपेक्षा अलग होती है.
ग्रोथ हार्मोन डिफिशिएंसी से परेशानी
इस तरह की समस्या से बच्चे में डिप्रेशन और एंजाइटी हो सकती है.
उनकी मेमोरी खराब हो सकती है और किसी चीज पर उनका फोकस नहीं बन पाता है.
ग्रोथ हार्मोन डिफिशिएंसी में बच्चे में कॉन्स्टिपेशन की शिकायत रह सकती है.
इस बीमारी में बच्चे का चेहरा काफी ज्यादा गोल मटोल और छोटा दिखता है.
बच्चों के बालों का विकास नहीं हो पाता है और अगर हो भी जाता है तो वह खराब दिखता है.
इस तरह की समस्या से बच्चों की बौद्धिक क्षमता प्रभावित नहीं होती है.
डॉक्टर की मदद कब लेनी चाहिए
बच्चों में ग्रोथ हार्मोन डिफिशिएंसी के लक्षण शुरुआत से ही दिखने लगते हैं. 3 साल से 8 साल के बीच इसके लक्षण साफ तौर पर दिखाई देते हैं. कई बार पैरेंट्स इसे नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. जब भी ऐसे लक्षण दिखाई दें तत्काल डॉक्टर के पास जाना चाहिए. डॉक्टर जांच कर यह पता लगाते हैं कि कहीं बच्चों का विकास रूका तो नहीं है. अगर बच्चे में ग्रोथ हार्मोन डिफिशिएंसी है तो हर दिन हार्मोन का इंजेक्शन दिया जाता है, जिससे यह बीमारी दूर हो जाती है. 3 से 4 महीने में ही इलाज का असर दिखने लगता है. हालांकि इलाज युवा होने तक किया जाता है.
ग्रोथ हार्मोन डिफिशिएंसी के इलाज का खर्च
ग्रोथ हार्मोन डिफिशिएंसी का इलाज थोड़ा महंगा होता है. कई बार आर्थिक तंकी की वजह से इस बीमारी का इलाज पैरेंट्स नहीं करवा पाते हैं. जैसा कि अब्दु रोजिक की फैमिली के साथ समस्या थी. ग्रोथ डिफिशिएंसी के इलाज पर हर महीने 10 से 20 हजार रुपए का खर्च आ सकता है. चूंकि अब्दु रोजिक को रिकेट्स की भी बीमारी थी. ऐसे में दोनों बीमारी का इलाज करवा पाना उनके माता-पिता के लिए पॉसिबल नहीं था.
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