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अब ब्लड टेस्ट से पता चल जाएगा आपकी नींद पूरी हो रही है या नहीं, जानिए कैसे
नींद की कमी से बदन दर्द, थकान, वजन बढ़ना और तनाव जैसी कई समस्याएं घेर सकती हैं. इससे डायबिटीज तक का खतरा रहता है. दिल की बीमारी,हाई BP, स्ट्रोक,मोटापा और डिप्रेशन जैसी गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं
Lack of Sleep: नींद पूरी न होने से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. इसकी वजह से कई खतरनाक बीमारियों का जोखिम रहता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स भी हर दिन प्रॉपर नींद लेने की सलाह देते हैं, क्योंकि सही तरह न सोने से बदन दर्द, थकान, वजन बढ़ना और तनाव जैसी कई समस्याएं घेर सकती हैं. इससे डायबिटीज तक का खतरा रहता है. दिल की बीमारी, किडनी रोग, हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक, मोटापा और डिप्रेशन जैसी गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं. नींद की कमी से रोड एक्सीडेंट भी बढ़ रहे हैं. इसी से बचाने के लिए वैज्ञानिकों ने नींद की कमी का पता लगाने के लिए एक नया तरीका खोज निकाला है. जिसमें ब्लड टेस्ट से पता चल सकेगा है कि 24 घंटे में कोई शख्स सोया है या नहीं.
नींद की कमी क्यों खतरनाक
ऑस्ट्रेलिया की मोनाश यूनिवर्सिटी और ब्रिटेन में बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट्स के अनुसार, नींद की कमी से गंभीर बीमारी या मौत का खतरा भी बढ़ सकता है. साइंस एडवांस जर्नल में पब्लिश स्टडी रिपोर्ट में बताया गया है कि इसके लिए बायो मार्कर टेस्ट इजात की गई है, जिससे पता लग सकता है कि कोई व्यक्ति 24 घंटे में सोया है या नहीं. ब्रिटेन की बर्मिंघम यूनिवर्सिटी में नींद और सर्केडियन साइंस के प्रोफेसर क्लेयर एंडरसन नेबताया कि यह सचमुच बेहतरीन खोज है. इससे नींद का पता लगाकर सेहत को सुधारा जा सकता है.
नींद की कमी से कितने सड़क हादसे
एक रिपोर्ट के अनुसार, पूरी दुनिया में जितने भी रोड एक्सीडेंट होते हैं, उनमें से 20 प्रतिशत नींद की कमी की वजह से हो रही है. शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि इस खोज से नींद की कमी से गाड़ी चला रहे ड्राइवरों की पहचान की जा सकेगी और उनका इलाज कराया जा सकेगा, साथ ही हादसे से भी बचाया जा सकता है.
किस तरह काम करेगा ब्लड टेस्ट
क्लेयर एंडरसन ने बताया कि 5 घंटे से कम नींद के बाद अगर गाड़ी चलाया जाता है तो यह खतरनाक होता है. कुछ लोग 24 घंटे जागने के बाद भी गाड़ी चलाते हैं. यह शराब पीकर गाड़ी चलाने से भी ज्यादा खतरनाक है. हमारा ब्लड टेस्ट और शोध इस दिशा में महत्वपूर्ण हो सकता है. ये टेस्ट भविष्य में फोरेंसिक इस्तेमाल के लिए भी हो सकता है. हालांकि, अभी वैरिफिकेशन की जरूरत है. नींद की कमी का बायोमार्कर टेस्ट 24 घंटे या उससे ज्यादा जागने पर बेस्ड है. यह 18 घंटे तक जागने का पता लगा सकता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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हरिशंकर जोशीवरिष्ठ पत्रकार
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