Health Tips: यूं तो हर बीमारी खतरनाक होती है लेकिन जब भी बात कैंसर की आती है तो मन सहम जाता है. कारण ये कि इसका इलाज जितना मुश्किल है उससे कई ज़्यादा महंगा. इसलिए बेहतरी इसी में है कि सभी प्रकार से आप खुद का पूरा पूरा ख्याल रखें और छोटी से लेकर बड़ी तक हर सावधानी बरतें. वैसे आज हमारा आर्टिकल भी कैंसर पर ही बेस्ड है. आज हम अपने आर्टिकल में ऑय कैंसर के लक्ष्ण, कारण और उसके इलाज के बारे में बताने जा रहे हैं. दरअसल हमने इस कैंसर के बारे में पढ़ कर ये जाना कि धुंधला नज़रआना और पलकों पर गांठ जैसी जिन समयाओं को हम नज़रंदाज़ कर देते हैं वो असल में ऑय कैंसर का संकेत भी हो सकती हैं. इसलिए हमने सोचा कि आपको भी इसकी जानकारी देना ज़रूरी है ताकि इसके संकेतों को वक़्त पर पहचान कर आप खुद को इस खतरनाक बीमारी से बचा सकें.


1. आंखों का कैंसर
आंखों की कोशिकाएं का अचानक से लगातार बढ़ना ही आंखों का कैंसर कहलाता है. आंखों के सेल्स में अचानक ही तेज़ी से बढ़ोतरी होने के कारण सेल्स चारों ओर फैलने लगती हैं. आंखों के कैंसर की वजह से आंखों का आउटर पार्ट ज़्यादा प्रभावित होता है. इस तरह का कैंसर मेलेनोमा कैंसर होता है जो आंखों के कैंसर का कॉमन टाइप है. लेकिन आईबॉल के अंदर होने वाले कैंसर को इंट्राऑकुलर कैंसर कहते हैं. इसके अलावा, आंखों में कई और तरह के भी कैंसर पाए जाते हैं, जो आंखों के सेल्स को अलग-अलग तरह से इन्फ्लुएंस करते हैं. यहां तक कि, बच्चों में भी आंखों के कैंसर के लक्षण देखने को मिलते हैं. रेटीनोब्लास्टोमा बच्चों में होने वाला कॉमन आई कैंसर है, जो आंखों के रेटीना सेल्स को इन्फ्लुएंस करता है. हालांकि आंखों के कैंसर के मामले बहुत कम देखने को मिलते हैं, लेकिन प्रदूषण और केमिकल के संपर्क में आने वाले लोगों में इसकी संभावना होती है.


Solar Eclipse 2020: इस राशि में लगने जा रहा है सूर्य ग्रहण, बढ़ सकती हैं मुश्किलें, न करें ये काम


2. आँखों के कैंसर के लक्षण
- आंखों में बिना किसी दर्द के देखने में परेशानी होना
- आंखों में रोशनी का चमकना
- बेवजह परछाई दिखना
- आंखों के अंदर का हिस्सा ऊपर की ओर उठा हुआ दिखना
- आंखों की पलकों पर गांठ दिखना
- धुंधला दिखना या धुंधली नज़र के साथ धब्बे-धब्बे दिखना


3. आँखों के कैंसर का कारण
ऑय कैंसर होने की कोई ठोस वजह तो अभी तक सामने नहीं आ सकी है. लेकिन कई डॉक्टर का मानना है कि डीएनए में कमी और इन्फ्लुएंस्ड हेल्दी सेल्स आँखों के कैंसर का कारण हो सकते हैं.


4. इस तरह करें ऑय कैंसर को डायग्नोज़
- आंखों में किसी भी तरह की कोई भी दिक्कत होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
- डॉक्टर की सलाह पर अल्ट्रासाउंट कराएं. इससे ऑय मेलेनोमा का टेस्ट किया जाता है.
- अल्ट्रासाउंट की ही मदद से आंखों में मौजूद ट्यूमर की मोटाई का पता लगाया जा सकता है जिसके बाद इसके आधार पर डॉक्टर इलाज शुरू करते हैं.
- अल्ट्रासाउंड के अलावा, डॉक्टर एक पीले कलर की डाई का इस्तेमाल करते हैं.
- सबसे पहले इस डाई को नसों में डाला जाता है. मशीन के जरिए आंखों की तस्वीर ली जाती है. इन इमेजेज के ज़रिये आंखों में डाई के फ्लो को देखा जाता है और इसके आधार पर भी डॉक्टर आंखों के कैंसर का पता लगा सकते हैं.


5. इन लोगों में होता है आंखों के कैंसर का खतरा
- आंखों का कैंसर 50 से 60 साल के लोगों को हो सकता है.
- 70 के बाद ऑय कैंसर होना बहुत ही रेयर माना जाता है.
- वाइट ब्रीड के लोग यानी कॉकेशियन में मेलानोमा कैंसर विकसित होने का खतरा औरों की तुलना में ज़्यादा रहता है.
- ऐसे लोग जिन्हें स्किन में पिग्मेंटेशन, तिल, मस्सा जैसी समस्याएं रहती हैं, उन्हें भी आंखों का कैंसर हो सकता है.
- लंबे वक़्त तक सूरज की रोशनी के संपर्क में लगातार रहने वाले लोगों को भी आंखों के कैंसर का खतरा होता है.


Chanakya Niti: चाणक्य की इन 3 बातों में छिपा है करोड़पति बनने का राज़, जानिए आज की चाणक्य नीति