Medical Test : शरीर की ज्यादातर बीमारियों का पता लगाने के लिए अलग-अलग मेडिकल टेस्ट की जरूरत होती है. लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि शरीर में कई बीमारियों का पता लगाने के लिए किसी तरह के जांच की जरूरत नहीं है. शरीर की गंध आपकी सेहत के बारें में काफी कुछ बता देता है. इसकी मदद से आप जान सकते हैं कि कौन-कौन सी बीमारियां आपके शरीर में पल रही हैं. इसमें कई खतरनाक बीमारियां जैसे- कैंसर, टाइफाइड, मल्टीपल स्केलेरोसिस, डायबिटीज और पार्किंसंस तक शामिल हैं. NCBI पर छपे एक स्टडी के मुताबिक, जब हमारा शरीर बीमार होता है, तब उसमें जैव रासायनिक प्रक्रियाओं (biochemical processes) में बदलाव होता है, जिससे छोटे वाष्पशील अणुओं (volatile molecules) का उत्पादन होता है. ये फेफड़ों, सांस, यूरीन और पसीने में चले जाते हैं. इससे गंध आती है. चलिए जानते हैं...
फेफड़े का कैंसर
कई स्टडी में पता चला है कि फेफड़े के कैंसर का पता 90% तक सटीकता से 'नैनोज' डिवाइस से सांस की गंध से लगा सकते हैं. यह डिवाइस वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों का पता लगा सकता है, जो हवा में आसानी से वाष्पित हो सकते हैं.
किडनी की बीमारियां
इलिनोइस यूनिवर्सिटी के नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के अनुसार, रिसर्चर ने एक डिस्पोजेबल डिवाइस डेवलप किया है, जो किडनी के डैमेज होने समेत अन्य बीमारियों का सांस से आ रही गंध से आसानी से पता लगा सकता है.
लिवर फेलियर
अगर सांस से तेज बदबू आ रही है तो यह लिवर फेलियर का संकेत भी हो सकता है. जब भी ऐसा लगे तो समझ जाइए कि लिवर ठीक ढंग से काम नहीं कर रहा है. दरअसल, जब खून और फेफड़ों में सल्फर जमा हो जाता है, तब एक अलग तरह की गंध पैदा होती है. जब भी लिवर की समस्या होती है, तब सांसों से सड़े अंडे या लहसुन मिश्रण जैसी गंध आ सकती है.
डायबिटीज
डायबिटीज के मरीजों में शरीर की गंध कीटोएसिडोसिस का इशारा भी हो सकता है. कीटोन का हाई होना ब्लड को एसिडिक बना सकता है. इसमें शरीर की गंध फलों जैसी हो सकती है. इसकी पहचान जल्दी नहीं होने पर यह कीटोएसिडोसिस की वजह बन सकती है.
प्रीक्लेम्पसिया
प्रेगनेंसी से जुड़ी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को प्रीक्लेम्पसिया कहा जाता है. यह एक्लम्पसिया का शुरुआती संकेत है. प्रेग्नेंसी के 20वें हफ्ते में इसकी शुरुआत होती है. इससे झटके, भ्रम और दौरे पड़ सकते हैं. इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एनवायर्नमेंटल रिसर्च एंड पब्लिक हेल्थ में पब्लिश एक स्टडी में बताया गया है कि 84% मामले गर्भवती महिला की सांस से आ रही गंध से ही पता चल सकते हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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