Chest Compression and Heart Attack : आजकल हमारी गलत आदतों की वजह से कई खतरनाक बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं. कार्डियक अरेस्ट भी इनमें से एक है.पिछले कुछ सालों में हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर के मामलों में तेजी आई है. खराब लाइफस्टाइल खानपान की वजह से युवा भी इसका शिकार बन रहे हैं. ये बीमारियां ऐसी हैं, जो तुरंत मौत का कारण बन सकती हैं.




मेडिकल जर्नल दे लैसेंट के अनुसार, देश में हर साल 5-6 लाख लोग अचानक आए कार्डियक अरेस्ट की वजह से जान गंवा देते हैं. इसमें ज्यादातर लोगों की उम्र 50 साल से कम है. हार्ट अटैक और हार्ट फेल होने पर कई तरह की फर्स्ट एड ट्रीटमेंट को लेकर दावे किए जाते हैं. इनमें से ही एक है चेस्ट दबाना. कहा जाता है कि दोनों कंडीशन में अगर मरीज का चेस्ट दबाया जाए तो जान बच सकती है. आइए जानते हैं इसकी सच्चाई...




क्या हार्ट अटैक में चेस्ट दबाने से बच सकती है जान




हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि कार्डियक अरेस्ट की कंडीशन में अगर चेस्ट को दबाया जाए तो मरीज की जान बचने की संभावना बढ़ जाती है. इसे मेडिसिन टर्म में CPR (Cardiopulmonary Resuscitation) कहा जाता है. हालांकि, इसकी जानकारी कम लोगों को होती है. जिसकी वजह से मरीज को मदद नहीं मिल पाती है.


यह भी पढ़ें : हफ्ते में सिर्फ दो दिन एक्सरसाइज से एक्टिव होगा ब्रेन, बीमारियां भी होंगी कोसो दूर




CPR कितना फायदेमंद




सीपीआर हार्ट अटैक या हार्ट फेलियर में एक तरह का इमरजेंसी लाइफ सेविंग टेक्नीक हो सकती है, जो दिल की धड़कन रुकने पर मरीज को बचा सकती है.अगर किसी को सीपीआर देना नहीं आता है तो भी वह अपने हाथों की मदद से मरीज के चेस्ट को दबा सकता है, इससे तुरंत मदद मिल सकती है. दरअसल, जब हार्ट पंप करा बंद कर देता है तब शरीर में खून नहीं जा पाता है, जिससे ऑक्सीजन और न्यूट्रिशन की सप्लाई रूक जाती है. इसलिए हार्ट को तुरंत चालू करने की जूररत होती है. 


इसके लिए हम हार्ट को एक्सटरनल कंप्रेशन यानी हाथ से सीने को दबाया जाता है, जिसेस हार्ट में जो ब्लड है, वह पूरे शरीर में जाए. कम से कम 4-5 बार सीने पर दबाव डालने और मुंह से फूंक मारने पर ब्लड शरीर में जा सकता है. चेस्ट को तब तक दबाना होता है, जब तक हार्ट फिर से काम न करने लगे.


यह भी पढ़ें :दिल की बीमारियों का खतरा होगा कम, बस खाने में कम कर दें ये एक चीज 




हार्ट अटैक या हार्ट फेलियर में चेस्ट दबाने का सही तरीका




1. सबसे पहले मरीज को सपाट यानी प्लेन जगह लिटा दें.




2. चेस्ट के बीचोबीच एक अंगूठे पर दूसरा अंगूठा लगाकर जोर से ऐसे दबाना है, जिससे कम से कम 10 cm कंप्रेशन बने ताकि हार्ट दब सके.




3. चेस्ट को दबाने के साथ कोई दूसरा व्यक्ति मुंह से वेंटिलेशन दे.




4. इस दौरान इमरजेंसी हेल्पलाइन लेकर मेडिकल हेल्प भी बुलवानी चाहिए.




5. इस प्रक्रिया को तब तक करना है, जब तक हार्ट काम न करने लगे या मेडिकल हेल्प न आ जाए.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें


यह भी पढ़ें: डायबिटीज का मरीज बना सकती है आपकी ये आदत, तुरंत सुधार लें वरना...