Cancer : कैंसर दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक है, जो कोशिकाओं (Cells) के असामान्य तरीके से बढ़ने पर होता है. कैंसर कहां हुआ है, कितना बढ़ चुका है, इस हिसाब से इसे चार स्टेज में बांटा जा सकता है. इसी हिसाब से इसका इलाज भी होता है. इस बीमारी का पता जितनी जल्दी चलता है, मरीज के बचने की उम्मीद भी उतनी ज्यादा होती है.


ICMR की एक नई स्टडी के अनुसार, भारत में कैंसर मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है. 2045 तक कैंसर के मरीजों की संख्या और मौत के मामले और भी तेजी से बढ़ सकते हैं. इसका कारण है कि ज्यादातर लोग शुरुआती स्टेज में इसे पहचान नहीं पाते हैं और ऑन्कोलॉजिस्ट यानी डॉक्टर के पास नहीं पहुंच पाते हैं. ऐसे में एक ऐसा तरीका आ गया है, जो कैंसर को कैंसर बनने से पहले ही पकड़ लेता है और उसे जड़ से खत्म कर सकता है.




जीरो स्टेज पर रोक सकते हैं कैंसर




कैंसर का जीरो स्टेज यानी प्रीकैंसरस स्टेज जिसे कार्सिनोमा इन सिटू (CIS) भी कहा जाता है. इस स्टेज में ज्यादातर लोग कैंसर को अनदेखा कर देते हैं. यूएस नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट इसे ऐसी कंडीशन मानता है, जिसमें माइक्रोस्कोप के नीचे कैंसर कोशिकाओं की तरह दिखने वाली असामान्य कोशिकाएं सिर्फ उसी जगह पाई जाती हैं, जहां पहली बार बनी थीं और आसपास के टिश्यू में नहीं फैली हैं.


किसी एक पॉइंटपर ये कोशिकाएं कैंसरग्रस्त हो सकती हैं और आसपास के टिश्यूज में फैल सकती हैं. एक्सपर्ट्स के अनुसार, स्टेज जीरो कैंसर को प्री-कैंसर भी कहा जाता है. इस स्टेज में ही अगर इलाज शुरू कर दिया जाए तो ट्यूमर कंट्रोल करना आसान हो सकता है. क्योंकि सही समय पर पता चलने पर सर्जरी आसान हो जाता है. चूंकि ट्यूमर इस स्टेज में फैला नहीं होता है, ऐसे में कीमोथेरेपी या रेडिएशन से भी मरीज बच सकता है.


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जीरो स्टेज पर कैंसर की पहचान कैसे करें




एक्सपर्ट्स के अनुसार, जेनेटिक्स और एनवायरमेंटल फैक्टर्स से जीरो स्टेज के कैंसर को पहचाना जा सकता है. अगर फैमिली में किसी को किसी तरह का कैंसर रहा है तो बाकी लोगों में कैंसर होने की आशंका हो सकती है. जीरो स्टेज में कैंसर की कोशिकाएं शरीर के अन्य हिस्सों तक नहीं फैलती हैं, जिससे इसे मैनेज करना आसान हो सकता है. कई तरह की जांच से कैंसर का पता आसानी से लगाया जा सकता है. ऐसे में बार-बार होने वाले कुछ लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए, ताकि समय पर उसकी पहचान हो सके.




जीरो स्टेज पर कैंसर के संकेत




1. ब्रेस्ट में छोटी सी सख्त गांठ या निप्पल से ब्लड आना जीरो स्टेज का ब्रेस्ट कैंसर का संकेत हो सकता है.




2. असामान्य पैप स्मीयर का मतलब स्टेज जीरो सर्वाइकल कैंसर हो सकता है.




3. खाना सही तरह न पचना, पेट में अक्सर तकलीफ रहना या वॉशरूम में दिक्कतें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर के वॉर्निंग साइन हो सकते हैं.




4. स्किन का रंग बदलना या बनावट में बदलाव स्किन कैंसर के लक्षण हो सकते हैं. जैसे पपड़ीदार, लाल पैच बनना. 


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क्या करें क्या नहीं




डॉक्टर्स का कहना है कि शरीर में बार-बार दिखने वाले लक्षणों पर ध्यान  देना चाहिए. इस तरह के कोई संकेत नजर आने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए, ताकि कैंसर को पहले ही रोका जा सके.  कैनेडियन कैंसर सोसायटी के एक अध्ययन में पाया गया है कि ज्यादातर कैंसर को अगर पहले स्टेज में पहचान लिया जाए तो जिंदा रहने की संभावना 90% तक बढ़ सकती है. लंग्स कैंसर में यह संभावना 62% थी.




कैंसर की पहचान के लिए टेस्ट




आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल (AI Tools) और लिक्विड बायोप्सी जैसी हाईटेक टेक्नोलॉजी से कैंसर का शुरुआती स्टेज पर ही आसान संभव है. जनवरी में अमेरिकी शोधकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने एक ऐसा टेस्ट डिज़ाइन किया है जो खून में प्रोटीन का पता लगाकार 18 पहले स्टेज के कैंसर का पता लगा सकते हैं. इस Gender-Specific Liquid Biopsy Test में 93% और महिलाओं में 84% मामलों में स्टेज 1 कैंसर का पता लगाया गया. 



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 



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