Heart Health Tips: बिगड़ती लाइफस्टाइल और बिजी शेड्यूल के बीच इन दिनों कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ये दोनों कहीं भी, कभी भी और किसी को भी अपना शिकार बना ले रहे हैं. हाल ही में सिंकदराबाद के लालापेट में इंडोर स्टेडियम बैडमिंटन खेलते-खेलते एक 38 साल के शख्स का हार्ट फेल (Heart Fail) हो गया और उसकी जान चली गई. कुछ दिन पहले की ही बात है, जब हैदराबाद की एक शादी में दूल्हे को हल्दी लगाने के दौरान डांस करते हुए एक युवक का हार्ट फेल हो गया और उसकी मौत हो गई. दरअसल, जिसे लोग हार्टअटैक (Heart Attack) समझ रहे हैं, वह कार्डिएक अरेस्ट (Cardiac Arrest) है. यह बिना लक्षण के ही आता है. दोनों के बीच काफी अंतर भी होता है. आइए जानते हैं दोनों में कौन ज्यादा खतरनाक है..
हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट में अंतर
1. कार्डिए अरेस्ट और हार्ट अटैक में काफी अंतर होता है. जब हार्ट में खून नहीं पहुंचता तब हार्ट अटैक आता है लेकिन कार्डिएक अरेस्ट में हार्ट अचानक से ही काम करना बंद कर देता है.
2. जब आर्टिरीज में ब्लड फ्लो रुक जाता है या खत्म हो जाता है, तब ऑक्सीजन की कमी से हार्ट का वह भाग डेड होने लगता है. वहीं, दूसरी तरफ कार्डिएक अरेस्ट में दिल अचानक से धड़कना बंद कर देता है. ऐसा होने पर कुछ भी हो सकता है.
कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
1.कार्डिएक अरेस्ट में बिल्कुल भी लक्षण नहीं दिखाई देता है, ये हमेशा अचानक से ही आता है.
2. मरीज जब भी गिरता है तो कार्डिएक अरेस्ट की वजह से ही गिरता है, इसे पहचानने के कई तरीके हैं.
3. जब भी मरीज गिरता है, तब उसकी पीठ और कंधों को थपथपाने के बाद कोई रिएक्शन नहीं मिलता है.
4. मरीज की दिल की धड़कन अचानक से काफी तेज हो जाता है और वह नॉर्मल सांस नहीं ले पाता है.
5. पल्स और ब्लड प्रेशर रूक जाता है.
6. ऐसी स्थिति में दिमाग और शरीर के बाकी हिस्सों में खून नहीं पहुंच पाता है.
कार्डिएक अरेस्ट या हार्ट अटैक कौन ज्यादा खतरनाक
अगर दोनों में से ज्यादा खतरनाक की बात की जाए तो वह कार्डिएक अरेस्ट है. क्योंकि इसमें किसी तरह का लक्षण दिखाई नहीं देता है. जबकि हार्ट अटैक का संकेत 48 से लेकर 24 घंटे पहले ही मिलने लगता है. हार्ट अटैक में मरीज को संभलने और जान बचाने का मौका मिलता है. जबकि कार्डिएक अरेस्ट में कोई मौका नहीं मिलता है.
कार्डिएक अरेस्ट से बचने इन बातों का रखें ख्याल
1. रोजाना एक घंटे फिजिकल एक्टिविटीज करें और वजन न बढ़ने दें.
2. कार्डियो एक्सरसाज करें, जैसे- साइकिलिंग, जॉगिंग या क्रिकेट, बैडमिंटन और फुटबालॅ खेलें.
3. जितना हो सके जंक फूड से दूर रहें और फ्रूट्स और अंकुरित अनाज लें.
4. खाने में सलाद जरूर रखें. हाई फाइबर सब्जियां, प्रोटीन और दालों को भी शामिल करें.
5. भरपेट खाना खाने से बचें और ज्यााद देर तक भूखें भी न रहें.
6. रात में जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठें.
7. मोबाइल और टीवी से जितना हो सके परहेज करें.
8. स्ट्रेस लेने और अकेलेपन से बचने की कोशिश करें.
9. 30 साल के बाद कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज की जांच शुरू करें.
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