(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
शरीर के अंदर ही मिल गई कैंसर होने की वजह, ये देख साइंटिस्ट भी हैरान
फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि कैंसर होने का मुख्य कारण कोशिकाओं के अंदर डीएनए में बदलाव होता है, जो कोशिकाओं के अंदर जीन की संरचना को ही बदल देता है.
Cancer Cause : कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है. इसके कई कारण हो सकते हैं, लेकिन हाल ही में एक नए रिसर्च में पता चला है कि कैंसर (Cancer) की वजह शरीर के अंदर ही होती है. ऑस्ट्रेलिया में फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट्स ने पाया कि कैंसर होने का कारण कोशिकाओं के अंदर DNA में बदलाव होता है.
इस रिसर्च के अनुसार, हममें से कई लोगों के शरीर में मौजूद सर्कुलर RNA हमारी कोशिकाओं के डीएनए से चिपक सकते हैं और डीएनए में बदलाव का कारण बन सकते हैं, जिससे कैंसर होता है. आइए जानते हैं क्या कहता है कैंसर से जुड़ा ये रिसर्च...
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कैंसर को लेकर क्या कहती है रिसर्च
इस रिसर्स टीम को लीड कर रहे प्रोफेसर साइमन कॉन के अनुसार, यह पहली बार है कि कई लोगों में पाया जाने वाला जेनेटिक मॉलीक्यूल डीएनए को इस तरह से बदलता है, जो हमारी अपनी कोशिकाओं के भीतर से कैंसर को ट्रिगर कर सकता है.
अगर ऐसा सचमुच होता है तो कैंसर के इलाज में ये रिसर्च मददगार हो सकता है. इस रिसर्च को गहराई से समझने के लिए शोधकर्ताओं ने जन्म के समय उन बच्चों के ब्लड सैंपल की तुलना की, जिनमें बाद में ल्यूकेमिया हुआ और ऐसे बच्चे जो बाद में हेल्दी रहें. इसमें पाया गया कि जिन बच्चों में ल्यूकेमिया हुआ उनमें एक खास गोलाकार आरएनए का लेवल अधिक था. इससे पता चलता है कि कोशिकाओं में इन गोलाकार आरएनए की मात्रा इसमें अहम रोल निभा सकती है कि कुछ जीन कैंसर पैदा करने वाले म्यूटेसन डेवलप करते हैं.
कैंसर में गोलाकार RNA का रोल
रिसर्च में पाया गया कि सर्कुलर आरएनए सेल्स में खास पॉइंट पर डीएनए से जुड़ते हैं, जिससे डीएनए टूट सकता है, जबकि कोशिकाएं आमतौर पर डीएनए टूटने की मरम्मत कर सकती हैं, ये मरम्मत अक्सर पूरा नहीं होता है. मरम्मत के दौरान छोटी-छोटी गलतियां भी म्यूटेशन का कारण बन सकती है. जब गोलाकार आरएनए इसमें शामिल होते हैं, तो वे और भी प्रभावित कर सकते हैं. अगर दो अलग-अलग जगहों के डीएनए गलत तरीके से फ्यूजन करते हैं, तो इससे जीन फ्यूजन हो सकता है जो सामान्य कोशिका को कैंसर की चपेट में ला देता है.
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क्या कहते हैं शोधकर्ता
इस स्टडी टीम में शामिल डॉ. वैनेसा कॉन का कहना है कि जब कई गोलाकार आरएनए एक साथ काम करते हैं तो वे कई जगहों पर डीएनए के टूटने का कारण बन सकते हैं. जिससे क्रोमोसोमल ट्रांसलोकेशन नाम की प्रक्रिया हो सकती है, जो बेहद खतरनाक है. इसमें क्रोमोसोम के हिस्से एक हो जाते हैं. क्रोमोसोमल ट्रांसलोकेशन कैंसर रिसर्च में अच्छी तरह से जाना जाता है क्योंकि वे अक्सर ऑन्कोजीन-जीन बनाते हैं जो सामान्य कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं में बदल सकते हैं. सर्कुलर आरएनए ल्यूकेमिया से अगर कैंसर में भी अहम भूमिका निभा सकते हैं.
कैंसर से बचने के लिए क्या करें
हेल्दी डाइट लें
स्मोकिंग-शराब से दूर रहें.
लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं.
नियमित तौर पर एक्सरसाइज करें.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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