Cervical Cancer: क्या वैक्सीन लगवाने के बाद टल जाता है Cervical Cancer का खतरा, जानें क्या है फैक्ट
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सर्वाइकल कैंसर से जुड़े 99% से ज्यादा केस ह्यूमन पैपिलोमा वायरस का इंफेक्शन ज्यादा समय तक शरीर में बने रहने से होता है. जिनमें एचपीवी 16 और एचपीवी 18 इंफेक्शन ज्यादा खतरनाक है.
Cervical Cancer Vaccine : देश में ब्रेस्ट कैंसर के बाद सबसे ज्यादा किसी कैंसर की शिकार महिलाएं हैं तो वो सर्वाइकल कैंसर है. एक आंकड़े के मुताबिक, हर साल सर्वाइकल कैंसर की 1.25 लाख से ज्यादा मरीज आते हैं. इनमें से 77 हजार से ज्यादा की मौत हो जाती है. पिछले कुछ सालों में सर्वाइकल कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ी है. इससे मरने वालों की संख्या 77,000 से ऊपर है.
पिछले कुछ वर्षों में सर्वाइकल कैंसर की मरीज बढ़ गई हैं. इसका सबसे बड़ा कारण है जानकारी का अभाव. ज्यादातर महिलाएं इस कैंसर को लेकर कंफ्यूज हैं. उन्हें इस बीमारी से लेकर वैक्सीन तक के बारें में आधा-अधूरा ही पता है. ऐसे में आइए जानते हैं इस जानलेवा बीमारी से जुड़े कुछ मिथ और फैक्ट्स...
1. मुझे कैंसर नहीं है
Facts- यौन संबंध के दौरान दर्द या पेल्विक दर्द की समस्या हो सकती है लेकिन ऐसा तब होता है, जब कैंसर एडवांस स्टेज में पहुंच जाता है. कैंसर की पहचान के लिए दर्द के लक्षण का इंतजार नहीं करना चाहिए.
2. सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों की पहचान में भूल
Facts- डॉक्टर के अनुसार, सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है. इसके लक्षणों में पीरियड्स के बीच या मेनोपॉज के बाद वजाइनल ब्लीडिंग होना, यौन संबंध बाद ब्लीडिंग, यौन संबंध के दौरान दर्द और वजाइनल डिस्चार्ज का रंग या गंध में बदला हुआ लगे.
3. सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन लगवा ली है तो जांच की जरूरत नहीं है.
Facts- ज्यादातर वैक्सीन दो तरह की होती है. 'हाई रिस्क' एचपीवी सबटाइप्स- 16 और 18 से सुरक्षा देते हैं, लेकिन इसके अन्य सब-टाइप्स भी कैंसर की वजह बन सकते हैं, इसलिए जांच करवाना चाहिए.
4. HPV टेस्ट पॉजिटिव आना यानी सर्वाइकल कैंसर हो गया है.
Facts- एचपीवी टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद आगे के टेस्ट जरूरी हो जाते हैं, जिससे कैंसर से पहले होने वाली गांठों की पहचान की जा सके. इसलिए एक से दो साल में एचपीवी टेस्ट कराते रहना चाहिए. 95% से ज्यादा महिलाओं में इम्यून सिस्टम हाई रिस्क वाले एचपीवी इंफेक्शन को अपने आप खत्म कर देती है, लेकिन हाई रिस्क वाली गांठें बनी रहे, तो कोल्पोस्कोपी टूल की मदद से सर्विक्स की जांच होती है. जांच में कैंसर से पहले होने वाली कोई गांठ नजर आती है तो तुरंत इलाज करवाना चाहिए.
5. समय पर पहचान जरूरी
Facts- अगर सर्वाइकल कैंसर की समय पर पहचान कर ली जाए तो यह पहले स्टेज में होने पर 100 में से 95 से ज्यादा महिलाओं में पूरी तरह सही हो जाता है. इसके तीसरे फेज में पहुंचने पर 100 में से 50 महिलाएं ठीक हो जाती है लेकिन अगर कैंसर दूसरे अंगों तक फैल जाए तो इलाज संभव हो पाने की उम्मीद कम ही है.
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