नई दिल्लीः कोरोना वायरस दुनियाभर में अभी तक सवा तीन करोड़ से ज्यादा लोगों संक्रमित हो गए हैं. वहीं बीते 24 घंटे में 3.08 लाख नए कोरोना मामले दर्ज हुए और 5781 मरीजों की जान चली गई. इसी बीच स्पेन के डॉ रॉबर्टो फर्नांडीज ने अपने अध्ययन के जरिए इस बात का खुलासा किया है कि शरीर में जिंक की मात्रा कोरोना संक्रमण को काफी हद तक नियंत्रित करने में सक्षम है.


कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण फ्लू के समान हैं, लेकिन यह एक गंभीर समस्या है. कोरोना वायरस के इलाज के लिए एंटीवायरल दवाओं के इस्तेमाल का प्रभाव ज्यादा रहा है. एक ऑनलाइन यूरोपीय सम्मेलन में जारी एक प्रारंभिक अध्ययन में कहा गया है कि इंसानों में खराब स्वास्थ्य स्थिति और बल्ड में जिंक के कम लेवल होने के कारण कोरोना वायरस का खतरा ज्यादा होता है. कोरोना वायरस पर यह अध्ययन स्पेन के डॉ रॉबर्टो फर्नांडीज ने किया है.


डॉ रॉबर्टो फर्नांडीज ने मार्च के मध्य से अप्रैल के अंत तक अस्पताल में भर्ती लोगों पर अपनी रिसर्च की है. उन्होंने अपने अध्ययन में पाया कि जिन महिला और पुरुष कोरोना संक्रमित लोगों के ब्लड लेवल में जिंक का स्तर काफी कम था उन्में से ज्यादातर की मौत हो गई. डॉ रॉबर्टो फर्नांडीज के शोधकर्ताओं की टीम ने 249 रोगियों के नमूने पर ध्यान केंद्रित किया था. जिसमें से 21 संक्रमितों के ब्लड में जिंक की कमी होने के कारण उनकी मौत हो गई. वहीं जीवित रहने वाले लोगों के जिंक का स्तर उन लोगों की तुलना में बहुत अधिक था.


इससे पहले कि आप जिंक की गोलियों पर स्टॉक करना शुरू करें, यह ध्यान रखें कि अध्ययन रोगियों के एक छोटे समूह तक सीमित था. विशेषज्ञों के अनुसार, निर्णायक नतीजे पर आने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है. रिसर्च में यह पाया गया है कि ब्लड में जिंक के निम्न स्तर के कारण रोगियों में मौत की संभावना काफी बढ़ जाती है.


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