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मुसीबत बन सकता है कोरोना का नया वैरिएंट, 30 से ज्यादा म्यूटेशन, क्या वापस लौट आएगा मास्क का दौर?
बहुत ही कम समय में कोरोना का नया वैरिएंट पिरोला यूके, यूएस, डेनार्क, साउथ अफ्रीका और इजराइल जैसे कई देशों तक पहुंच चुका है. नए वैरिएंट के केस एक हफ्ते में ही दुनियाभर में दोगुने हो गए हैं.
Covid Variant Pirola : कोरोना के नए वैरिएंट की दस्तक ने वैज्ञानिकों को चिंता में डाल दिया है. एरिस (EG.5) और पिरोला (BA.2.86) जैसे ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट्स को लेकर पता चला है कि इनमें ज्यादा म्यूटेशन हैं. जिससे संक्रामक दर काफी ज्यादा है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पिरोला में 30 से ज्यादा म्यूटेशन पाए गए हैं, जो चिंता को बढ़ाने वाले हैं. हाल में ही आई रिपोर्ट्स के अनुसार, बहुत ही कम समय में पिरोला ने यूके, यूएस, डेनार्क, साउथ अफ्रीका और इजराइल जैसे कई देशों तक पहुंच चुका है. नए वैरिएंट के केस एक हफ्ते में ही दुनियाभर में दोगुने हो गए हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी इसे ज्यादा खतरनाक मान रहे हैं. हर देश को अलर्ट पर रहने की आवश्यकता बता रहे हैं. आइए जानते हैं नया वैरिएंट कितना खतरनाक है, क्या फिर से मास्क पहनने की नौबत आ सकती है...
नया वैरिएंट क्यों खतरनाक
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नए वैरिएंट्स को लेकर अभी तक कोई पुख्ता दावा तो नहीं किया गया है लेकिन शुरुआती रिसर्च में पाया गया है कि कोरोना के वर्तमान वैरिएंट ज्यादा संक्रामक हो सकता है. पिरोला ओमिक्रॉन का ही एक रूप है, जिससे निकला एक दूसरा सब-वैरिएंट EG.5.1 पहले भी देखने को मिल चुका है. साइंटिस्ट कहते हैं, जिस तरह से ओमिक्रॉन वैरिएंट्स की प्रकृति थी, उससे नए सब वैरिएंट्स को लेकर इस बात की चिंता कम है कि यह किसी बड़ी बीमारी का कारण बन सकता है. हालांकि, इससे बचाव के उपाय अपनाते रहना चाहिए.
एक्सपर्ट्स का क्या कहना है
नए वैरिएंट को लेकर येल मेडिसिन में संक्रामक बीमारियों के एक्सपर्ट स्कॉट रॉबर्ट्स ने एक मेडिकल रिपोर्ट में इसको लेकर बताया कि इन नए वैरिएंट्स में म्यूटेशंस की संख्या काफी ज्यादा है. डेल्टा के शुरुआती वैरिएंट्स में इसी तरह के म्यूटेशन की संख्या देखने को मिली थी. बता दें कि म्यूटेशन की संख्या बढ़ने से वैक्सीन का असर कम हो सकता है.
पिरोला वैरिएंट के लक्षण
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आमतौर पर BA.2.86 संक्रमित में बुखार और सामान्य सर्दी-फ्लू जैसी बीमारियों के लक्षण ही देखने को मिल रहे हैं. कुछ लोगों में खांसी, थकान, सिरदर्द और शरीर में दर्द, भूख न लगना, कंजंक्टिवाइटिस, चकत्ते होने, दस्त और सांस लेने में समस्या हो रही है. हालांकि, अभी यह कंफर्म नहीं है कि क्या पिरोला दूसरे वैरिएंट्स की तुलना में ज्यादा खतरनका है. डिजीज कंट्रोल सेंटर (CDC) का मानना है कि BA.2.86 वैरिएंट से वैक्सीन लगवाने वालों को भी संक्रमित होने का खतरा हो सकता है.
क्या फिर से लगाना पड़ेगा मास्क
नए वैरिएंट से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं, ऐसे देश जहां संक्रमण बढ़ रहा है, वहां कोविड के नियमों का पालन करना चाहिए. जहां पिछले एक महीने में इंफेक्शन के केस तेजी से बढ़े हैं, इसे देखते हुए बचने के सभी प्रयास करने चाहिए. अमेरिका में कुछ जगहों पर मास्क लगाने की अपील की गई है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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