Cancer Medicine : कैंसर एक बेहद खतरनाक बीमारी है. शुरुआत में इसका पता चलने के बाद ही इलाज संभव हो पाता है. इसका इलाज काफी खर्चीला होता है. हर किसी के बस की बात नहीं होती कि वह कैंसर का इलाज करवा सके. इसकी कई दवाईयां विदेशों से मंगाई जाती है, जिसकी वजह से उसकी कीमत काफी ज्यादा होती है.


इसी को देखते हुए सरकार ने कैंसर की तीन दवाईयों पर कस्टम ड्यूटी को खत्म कर दिया है. जिसके बाद इन दवाओं की कीमत 15-20% तक कम हो सकती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं जिन तीन दवाईयों से कस्टम ड्यूटी घटाई गई हैं, वे किस तरह के कैंसर में काम आती हैं. यकीनन ये दवाइयां सस्ती होने से कैंसर के इलाज पर असर जरूर पड़ेगा. 


किन तीन दवाईयों से हटी कस्टम ड्यूटी
1. ट्रैस्टुज़ुमैब डेरक्सटेकन (Trastuzumab Deruxtecan)
2. ओसिमर्टिनिब (Osimertinib)
3. दुर्वलुमाब (Durvalumab)


ट्रैस्टुज़ुमैब डेरक्सटेकन 
यह दवा ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में काम आता है. इसके अलावा पेट के कैंसर में भी इसका इस्तेमाल होता है. आंकड़ों के अनुसार, देश में हर साल करीब 14 लाख कैंसर के नए मामले आते हैं, जिनमें सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर के केस हैं. ब्रेस्ट कैंसर की दवा ट्रैस्टुज़ुमैब डेरक्सटेकन का दाम 58,000 रुपए तक है. 


ओसिमर्टिनिब 
ओसिमार्टिनिब दवा लंग्स कैंसर में काम आती है. यह दवा भी काफी महंगी होती है.यह एक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी होती है. भारत में यह मेडिसिन एस्ट्रजेंका कंपनी की उपलब्ध है. इसके 2 वैरिएंट हैं, जिनकी कीमत करीब 1.50 लाख रुपए है. बाजार में यह दवा टैग्रिसो के नाम से उपलब्ध है.


दुर्वलुमाब (Durvalumab)
दुर्वलुमाब दवा यूरेनरी ब्लेडर (पेशाब से जुड़े) कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होता है. लंग्स कैंसर में भी इस दवा का उपयोग किया जाता है. भारत में एस्ट्राजेंका कंपनी ही इस दवा को बनाती है. इसके भी दो वैरिएंट हैं. इसकी कीमत 45,000 रुपए से लेकर 1.90 लाख रुपए तक है. बाजार में यह दवा इम्फिन्जी नाम से मिलती है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


ये भी पढ़ें: कोविड के बाद बढ़ा बीमारी छिपाने का ट्रेंड, 100 करोड़ लोग इस डर के साए में, हैरान कर देगी रिसर्च में सामने आई वजह