Acid Attack Survivors Cashless Treatment : दिल्ली में एसिड अटैक सर्वाइवर का कैशलेश इलाज होगा. दिल्ली सरकार जल्द ही शहर के प्राइवेट हॉस्पिटल्स में इस सुविधा के लिए एक पॉलिसी ला सकती है. दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग को इसे लेकर एक योजना बनाने का निर्देश दिया है. एसिड अटैक सर्वाइवर्स (Acid Attack Survivors) के इलाज के दौरान सभी खर्चे कवर करने के लिए दिल्ली आरोग्य कोष से फंड दिए गए हैं, जिसमें छोटी-बड़ी सभी तरह की सर्जरी शामिल है.
क्या है दिल्ली सरकार का प्लान
एसिड अटैक सर्वाइवर्स के लिए काम करने वाले एक NGO ब्रेव सोल्स फाउंडेशन ने AAP के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह के साथ सौरभ भारद्वाज से मुलाकात के बाद यह फैसला आया. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में देशभर के सभी प्राइवेट अस्पतालों में एसिड अटैक के पीड़ितों को मुफ्त इलाज देना अनिवार्य कर दिया था. हालांकि, दिल्ली सरकार अपनी खुद की नीति ला रही है. जिसमें एसिड अटैक सर्वाइवर का पूरा इलाज किया जाएगा.
यह भी पढ़ें :लोग क्यों करते हैं सुसाइड? इन संकेतों से समझ सकते हैं अपने करीबी के दिल का हाल
दिल्ली आरोग्य कोष से मिलेगी मदद
एक अधिकारी ने बताया कि महंगे इलाज को देखते हुए आप सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को दिल्ली आरोग्य कोष से इसे फंडिंग करने का निर्देश दिया है. हालांकि दिल्ली आरोग्य कोष एक रजिस्टर्ड सोसाइटी के तौर पर काम करता है. सरकारी अस्पताल में किसी भी बीमारी के इलाज के लिए जरूरतमंद को 5 लाख रुपए तक की मदद दी जाती है.
अधिकारियों ने बताया कि मंत्री ने यह निर्देश जारी किया है कि रोड एक्सीडेंट में बचे लोगों को 'फरिश्ते दिल्ली के' योजना की तरह राजधानी में सभी अस्पतालों में इमरजेंसी इलाज और भर्ती करना होगा.ताकि उनके परिवार वालों को इलाज के लिए इधर-उधर न भटकना पड़े, इसके लिए एक नोडल ऑफिसर भी बनाया जाएगा.
यह भी पढ़ें: लंबे समय तक कुर्सी पर बैठकर करते हैं काम तो हो जाएं सावधान, इन अंगों को नुकसान पहुंचा रहा है Sedentary Job
एसिड अटैक सर्वाइवर के सामने चुनौतियां
दिल्ली के अधिकारियों ने बताया कि एसिड अटैक सर्वाइवर्स के सामने कई चुनौतियां होती हैं. उनका रिहैबिलिटेशन हमेशा से ही चुनौती रहा है. इसे देखते हुए सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम से दुकानों, हाट या स्टॉल के आवंटन के लिए एक नीति बनाने की संभावनाएं तलाशने को कहा है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
यह भी पढ़ें :
Anemia In Women's: भात में खून की कमी से जूझ रहीं 40% महिलाएं, जानें क्या