Dengue vs Viral Fever: मानसून में कई तरह की बीमारियां पनपती हैं. इस मौसम में डेंगू फीवर का खतरा सबसे ज्यादा रहता है. इसकी वजह से शरीर में प्‍लेटलेट की संख्‍या अचानक से घट जाती है. कई बार तो ये जानलेवा भी हो सकता है.डेंगु के ज्‍यादातर मामलो में या तो कोई लक्षण नजर नहीं आते या इसके हल्के लक्षण दिखाई देते हैं.


डेंगू के सबसे आम लक्षणों में बुखार आना शामिल है. हालांकि, कई बार लोग नॉर्मल फीवर और डेंगू को एक ही समझ बैठते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं दोनों के बीच का अंतर, जिससे घर पर ही डेंगू और सामान्य वायरल फीवर की पहचान कर सकते हैं...


डेंगू फीवर क्या है


डेंगू बुखार (Dengue Fever)वायरल इंफेक्शन है, जो मच्छरों से फैलता है. गर्म और उमस वाले मौसम में इसका खतरा ज्यादा होता है. डेंगू होने पर तेज बुखार, सिरदर्द, शरीर दर्द, मतली और खुजली जैसे लक्षण दिखते हैं. डेंगू से कुछ मामले बेहद गंभीर हो सकते हैं. मरीज को अस्पताल तक में भर्ती होना पड़ता है.


डेंगू बुखार के गंभीर लक्षण


बुखार के साथ शरीर के जोड़ों में दर्द होना


मसल्स पेन


आंखों के पीछे दर्द


नाक और दांतों से खून बहना


लाल धब्बे या शरीर में खुजली होना


वायरल फीवर को कैसे पहचानें


हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर क‍िसी इंसान को ऊपर बताई परेशानियां लगातार हो रही हैं तो समझ जाना चाहिए कि ये सामान्य फीवर नहीं बल्कि डेंगू का बुखार है. डेंगू का बुखार 104 डिग्री तक पहुंच जाता है. वहीं, वायरल फीवर 103 ड‍िग्री से ऊपर नहीं जाता है.


डेंगू और सामान्य बुखार में अंतर


अगर बुखार बहुत ज्‍यादा है और ब्‍लड टेस्‍ट में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो रही है तो यह सामान्य बुखार नहीं बल्कि डेंगू है. कई मामलों में बुखार जाने के बाद मरीज में कई गंभीर लक्षण नजर आते हैं. इनमें पेट दर्द, लगातार उल्टी, तेज सांस चलना, थकान, अनिद्रा, उल्टी या मल में खून आना. डेंगू से अलग अगर किसी को नॉर्मल फीवर है तो वह 2-3 दिन में ठीक हो जाता है. इसे एंटीबायोटिक्स से ठीक किया जा सकता है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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