Health Tips: क्या होता है Man Flu, जानें यह नॉर्मल फ्लू से कितनी खतरनाक?
रिसर्च में बताया गया कि महिलाओं और पुरुषों के इम्यून सिस्टम में काफी ज्यादा अंतर होता है. महिलाओं में ज्यादा एंटीबॉडी बनती है, जबकि पुरुषों को किसी इंफेक्शन से बाहर आने में ज्यााद वक्त भी लग सकता है.
Man Flu vs Normal Flu : आजकल मैन फ्लू काफी ट्रेंड में चल रहा है. जिसका आम बोलचाल में भी यूज हो रहा है. बहुत से लोग इस शब्द या बीमारी को लेकर कंफ्यूज हैं. उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. दरअसल, मैन फ्लू (Man Flu) का इस्तेमाल उन लोगों के लिए किया जाता है, जो नॉर्मल जुकाम-फीवर को भी काफी बढ़ा चढ़ाकर बताया करते हैं. इसका इस्तेमाल कुछ लोग मजाक के तौर पर भी करते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं आखिर मैन फ्लू कितना गंभीर और नॉर्मल फ्लू से कितना अलग है...
मैन फ्लू और नॉर्मल फ्लू में क्या समानता है
मैन फ्लू बोलचाल का शब्द है, जो सांस के इंफेक्शन में इस्तेमाल होता है. इसमें सर्दी, फ्लू या कोरोना के हल्के मामले शामिल हैं. मैन फ्लू और नॉर्मल फ्लू में काफी कुछ एक जैसा भी है. दोनों वायरस से होते हैं. फ्लू इन्फ्लूएंजा वायरस की वजह से होता है, जबकि मैन फ्लू राइनोवायरस, एडेनोवायरस और नॉमर्ल कोल्ड कोरोना जैसे अलग-अलग वायरस की वजह से हो सकता है.
मैन फ्लू और नॉर्मल फ्लू के लक्षण
खांसी
गले में खराश
नाक बहना, नाक बंद होना
छींक आना
बुखार, शरीर दर्द, कंपकंपी और सिरदर्द फ्लू के लक्षण हैं
क्या है इलाज
जितना हो सके आराम करें
पानी की पर्याप्त मात्रा रखें
पेन किलर ले सकते हैं
गले या सर्दी-खांसी की दवा ले सकते हैं
मैन फ्लू और फ्लू में अंतर
1. फ्लू ज्यादा गंभीर और कई बार खतरनाक सांस से जु़ड़े इंफेक्शन है, जबकि सर्दी यानी मैन फ्लू काफी हल्की होती है.
2. मैन फ्लू धीरे-धीरे शुरू होती है, जबकि फ्लू अचानक से आ जाता है.
3. लैप या होम टेस्ट से फ्लू का पता लगा सकते हैं लेकिन मैन फ्लू (सर्दी) पता करने का कोई तरीका नहीं है, इसका टेस्ट नहीं होता है.
4. फ्लू के लक्षणों को वैक्सीन से कंट्रोल किया जा सकता है. टैमीफ्लू जैसी एंटीवायरल मेडिसिन से इसका इलाज होता है, जबकि सर्दी के लिए वैक्सीन या या एंटीवायरल दवा नहीं हैं.
मैन फ्लू क्या सच में होता है
मैन फ्लू को लेकर कई रिसर्च हुए हैं. जिसमें पता चला है कि पुरुषों और महिलाओं में सर्दी के लक्षण के तरीके अलग होते हैं. एक रिसर्च में राइनोसिनुसाइटिस के लक्षणों में अंतर मिला है. इस स्टडी की शुरुआत में दोनों में समान ही लक्षण थे लेकिन 5 से 8 दिन तक महिलाओं में कम गंभीर लक्षण पाए गए. वे इससे जल्दी ठीक हो गई, जबकि शुरुआत में उनमें पुरुषों के मुकाबले ज्यादा लक्षण थे.
इससे रिसर्च में पाया गया कि पुरुष अपने लक्षणों को बढ़ा-चढ़ाकर बताने की वजह धीरे-धीरे सही हो रहे थे. हालांकि, रिसर्च में बताया गया कि दोनों के इम्यून सिस्टम में काफी ज्यादा अंतर होता है. महिलाओं में ज्यादा एंटीबॉडी बनती है, जबकि पुरुषों को किसी इंफेक्शन से बाहर आने में ज्यााद वक्त भी लग सकता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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