Digestive Problems : क्या एग्जाम या इंटरव्यू देने से पहले आपका पेट भी खराब हो जाता है. उसमें हलचल सी मच जाती है. अगर हां तो क्या आपने कभी सोचा कि ऐसा क्यों होता है. दरअसल हमारा मस्तिष्क सीधे तौर पर आंतों से जुड़ा होता है. गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट के मुताबिक, स्ट्रेस, एंग्जाइटी का आंत पर बुरा असर पड़ता है. इससे भूख कम जो जाती है और पेट फूला रहता है. ऐसे में इन पर ध्यान देना चाहिए. आइए जानते हैं पाचन (Digestive Problems) से जुड़े 5 ऐसे समस्याओं के बारें में जो संकेत देते हैं कि आप किसी बात को लेकर टेंशन में हैं...
1. ज्यादा घबराहट यानी डायरिया
ट्रेस हार्मोन तनाव बढ़ाने का काम करता है. ये बड़ी आंत में मोटर फंक्शन को तेज करने का काम कर सकता है. जिसकी वजह से डायरिया होने का खतरा बढ़ जाता है. इसे एंग्जाइटी डायरिया कहा जाता है, जो आंत और मस्तिष्क से जुड़ा होता है.
2. अपच-मतली की समस्या
जब हम चिंता करते हैं तो कुछ हार्मोन और केमिकल रिलीज होने लगते हैं, जो पाचन तंत्र में जाकर उसे खराब करने का काम करते हैं. ये गट फ्लोरा पर निगेटिव असर डालते हैं. ऐसा करने से एंटीबॉडी प्रोडक्शन कम होता है और अपच-मतली जैसी समस्या महसूस होती है.
3. मुंह का सूख जाना
जब भी हम चिंता करते रहते हैं तब सिंपैथेटिक नवर्स सिस्टम एक्टिवेट हो जाता है. इस वजह से लार बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है और मुंह सूख जाता है. यही कारण है कि कई बार स्ट्रेस होने पर मुंह सूखने लगता है.
4. ओवरएक्टिव ब्लैडर
चिंता करने से ओवरएक्टिव ब्लैडर की समस्या हो सकती है. जब हमारा दिमाग तनाव में रहता है तब शरीर में एक प्रतिक्रिया पैदा होती है, जो स्ट्रेस हार्मोन को ब्लड फ्लो में भेज दाती है. इस स्ट्रेस हार्मोन के रिलीज होने पर बार-बार पेशाब महसूस होता है.
पाचन को दुरुस्त रखने क्या करें
1. हमेशा हेल्दी आहार ही चुनें. प्रोसेस्ड और चीनी वाली फूड्स खआने से बचें. सब्जियां, फल, फाइबर से भरपूर चीजें ही खाएं.
2. अपने दिमाग को शांत रखने के लिए मेडिटेशन, योगा करें. इससे चिंता और तनाव कम करने में मदद मिल सकती है.
3. चिंता और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम से राहत पाने के लिए एक्सरसाइज अच्छा ऑप्शन हो सकता है. यह ब्लड सर्कुलेशन को ठीक कर गुड हार्मोन को रिलीज करता है.
4. पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए दिनभर में 6-8 गिलास पानी जरूर पिएं.
5. पेट की सेहत सुधारने के लिए जरूरी विटामिन, मिनरल और पोषक तत्वों के अवशोषण के लिए गैस्ट्रिक जूस का सेवन कर सकते हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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