Artificial Sweeteners SideEffects: आजकल हर कोई अपनी सेहत (Health) को लेकर काफी गंभीर है. खानपान का खास ख्याल रखा जा रहा है. अपनी फिटनेस को बेहतर बनाने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं. इन्ही में आर्टिफिशियल स्वीटनर (Artificial Sweetener) भी शामिल है. जिसका यूज तेजी से बढ़ रहा है. ज्यादातर लोग वेट लॉस के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. लोगों का मानना है कि यह उनके लिए फायदेमंद है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. जानें हेल्थ एक्सपर्ट का क्या मानना है और आर्टिफिशियल स्वीटनर्स से सेहत को क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं..
स्वीट पॉइजन है आर्टिफिशियल स्वीटनर्स !
एक रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का ज्यादा इस्तेमाल सेहत से खिलवाड़ करने जैसा है. इससे डायबिटीज और कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं. इसलिए इसको लेकर किसी तरह का भ्रम नहीं पालना चाहिए.
क्रेविंग बढ़ाती है
आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल करने से, मीठा खाने की क्रेविंग ज्यादा होने लगती है. अगर क्रेविंग बार-बार और ज्यादा हो रही है तो इसका संकेत समझ लें कि कंट्रोल करना है.
डिप्रेशन का खतरा
हाल में की गई रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल, डिप्रेशन जैसी बीमारी का खतरा बढ़ा देता है. इसलिए इसका सेवन कम से कम करना चाहिए या भी न के बराबर.
अस्थमा और एलर्जी का खतरा
आर्टिफिशियल स्वीटनर को ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल करने से गर्भवती महिलाओं में अस्थमा की संभावना 1.23 गुना ज्यादा तक बढ़ जाती है. साथ ही, इसे लगातार इस्तेमाल करने से एलर्जी का खतरा भी हो सकता है.
वजन बढ़ने का खतरा
आम तौर पर आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल वजन कम करने के लिए किया जाता है लेकिन रिसर्च की रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि ज्यादा मात्रा में इसे लगातार इस्तेमाल करने से मोटापे या वजन तेजी से बढ़ने का खतरा भी हो सकता है.
डायबिटीज का खतरा
रिसर्च की रिपोर्ट में यह पता चला है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर खून में ग्लूकोज की मात्रा को बढ़ाता है. इससे डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए आर्टिफिशियल स्वीटनर से दूरी बनाना ही उचित है.
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