Sleep and Heart : आजकल काम का प्रेशर इतना बढ़ गया है कि हर कोई हफ्तेभर बिजी रहता है. इस कारण सहीं ढंग से नींद पूरी नहीं हो पा रही है. ऐसे में ज्यादातर लोग वीकेंड पर ज्यादा से ज्यादा सोकर हफ्तेभर की नींद पूरी करना चाहते हैं. लेकिन सवाल ये है कि क्या वीकेंड की एक्स्ट्रा नींद काम के दिनों की नींद की भरपाई कर सकता है. क्या इसका फायदा शरीर और सेहत को मिलता है. इसी को लेकर पेन स्टेट यूनिवर्सिटी ने एक रिसर्च किया है. आइए जानते हैं इसमें क्या पता चला...

 

नींद और हार्ट को लेकर क्या कहता है रिसर्च

पेन स्‍टेट यूनिवर्सिटी के रिसर्च को जर्नल साइकोसोमैटिक मेडिसिन में प्रकाशित किया गया. इसके मुताबिक, वीकेंड पर हफ्तेभर के नींद की भरपाई की कोशिश करना दिल की सेहत पर बुरे असर को कम नहीं कर सकता है. इसलिए हर दिन नींद पूरी करने की कोशिश करनी चाहिए.

 

दिल की सेहत पर नींद का असर

शोध में पता चला है कि नींद और दिल की सेहत का गहरा संबंध है. युवाओं के दिल पर नींद न पूरी होने का ज्यादा असर पड़ सकता है. इससे भविष्य में हार्ट डिजीज का रिस्क बढ़ सकता है. इस अध्ययन में 20 से 35 साल के 15 स्वस्थ युवाओं को शामिल किया गया. जिन्हें 5 रात तक सोने को मना किया गया. सिर्फ रात में 5 घंटे सोने की अनुमति दी गई. इसके बाद दो रात रिकवरी नींद लेने को कहा गया. इन दोनों दिन उन्हें 10-10 घंटे सोने की छूट दी गई. इस दौरान हर दो घंटे पर उनका हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर चेक किया गया. इसके नतीजे काफी चौंकाने वाले रहे.

 

शोध के नतीजे क्या कहते हैं

इस शोध में नींद पर पाबंदी के दौरान हर दिन हार्ट रेट और सिस्टोलिक ब्‍लड प्रेशर दोनों में लगातार इजाफा देखने को मिला. जब हफ्ते के आखिरी में नीदं पूरी हुई, बावजूद इसके हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर सामान्य स्तर पर वापस नहीं आए. शोध के मुख्य लेखक डेविड रीचेन बर्गर ने बताया कि आराम करने का एक्स्ट्रा समय मिलने के बावजूद वीकेंड के आखिरी तक पार्टिसिपेंट्स का हार्ट सिस्टम ठीक नहीं हुआ.

 

नींद का असर किन चीजों पर पड़ता है

इस शोध में सेहत पर लंबे समय तक नींद पूरी न होने का असर दिखा. इसमें पता चला कि नींद न पूरी होने पर दिल की सेहत ही नहीं बल्कि मानसिक सेहत, वेट कंट्रोल, किसी चीज पर फोकस यानी एकाग्रता पर भी असर पड़ता है. यानी अगर नींद पूरी होती है तो ओवरऑल हेल्थ बेहतर होती है. इसलिए वीकेंड पर नींद पूरी करने से हार्ट से जुड़ी समस्याएं कम नहीं होती हैं. इसलिए हर दिन नींद पूरी करने पर फोकस करना चाहिए.

 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

 

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