Milk in Diabetes: डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसमें खानपान का सबसे ज्यादा ध्यान रखने की आवश्यकता होती है. खाने में जरा सी लापरवाही भी ब्लड शुगर लेवर को बढ़ा सकती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हेल्दी डाइट का मतलब कम फैट और फाइबर काउंट ज्यादा होता है. डायबिटीज के मरीज को कम फैट वाले फूड्स ही खाने चाहिए. बता दें कि शुगर के ज्यादातर मरीज इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि उन्हें डेयरी प्रोडक्ट्स यानी दूध और इससे बनी चीजों का सेवन (Milk in Diabetes) करना चाहिए या नहीं. आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं...

 

डायबिटीज के मरीज दूध पी सकते हैं या नहीं

 

दूध में फैट

दूध में फैट काफी ज्यादा होता है. हालांकि, इस बात का कोई सबूत नहीं कि दूध डायबिटीज का कारण बन सकता है या डायबिटीज को बढ़ा सकता है. हालांकि, ज्यादा फैट की मात्रा शुगर के मरीजों के लिए नुकसानदायक हो सकती है और उनके लिए समस्या बन सकती है. 

 

कम फैट वाला

दूध में ज्यादा फैट होने से क्या दूध छोड़ देना चाहिए. इसे लेकर एक्सपर्ट्स कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि डायबिटीज मरीजों को दूध नही पीना चाहिए. Webmd की रिपोर्ट के मुताबिक, डायबिटीज के मरीजों को बिना फैट वाला दूध ही पीनी चाहिए. हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है, इसलिए दूध पीने के बाद अपने ब्लड शुगर लेवल की निगरानी करते रहना चाहिए.

 

डायबिटीज में कितना दूध पीना सही 

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, ऐसे लोग जिनका ब्लड शुगर लेवल बढ़ा रहता है, उन्हें एक गिलास से ज्यादा दूध नहीं पीना चाहिए. डायबिटीज ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक, ऐसे लोग जिन्हें दूध से परेशानी है, उन्हें रोजाना 190 ML यानी एक गिरास से ज्यााद दूध पीने से बचना चाहिए. अगर कोई लैक्टोज इंटोलरेंस से परेशान है तो उन्हें दूध से जुड़े प्रोडक्ट्स के सेवन से बचना चाहिए. इसलिए डॉक्टर की सलाह पर ही दूध पिएं.

 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

 

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