Monsoon Fever : मानसून में कभी बारिश, कभी धूप की वजह से मौसम लगातार बदल रहा है. जिसका असर सेहत पर पड़ रहा है. कई बीमारियां तेजी से फैल रही हैं. इनमें सबसे कॉमन बुखार है. इस मौसम में बुखार (Rainy Season Fever) आने के कुछ दिनों में ही अपने आप ठीक हो जाता है लेकिन इसे नजरअंदाज करने की गलती नहीं करनी चाहिए.
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस मौसम में 24 घंटे से ज्यादा फीवर रहने पर सावधान हो जाना चाहिए. क्योंकि, यह बुखार कई बीमारियों का संकेत हो सकता है. आइए जानते हैं बुखार से बचने के लिए क्या-क्या करना चाहिए और कब डॉक्टर के पास जाना चाहिए...
24 घंटे से ज्यादा बुखार क्यों खतरनाक
बुखार के माध्यम से शरीर संक्रमण से लड़ता है, लेकिन अगर यह लंबे समय तक बना रहे तो इसका मतलब संक्रमण गंभीर होने लगा है और अन्य समस्याओं का खतरा है. कुछ मामलों में ज्यादा दिनों तक फीवर शरीर के कई अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकता है.
मानसून में बुखार से बचने के लिए क्या करें
1. हाथ को नियमित तौर पर धोते रहें, साफ-सफाई रखें.
2. संक्रमित लोगों से खुद को बचाएं.
3. पौष्टिक आहार ही लें और पानी खूब पिएं.
4. एक्सरसाइज और अच्छी नींद जरूर लें.
बुखार होने पर डॉक्टर के पास कब जाएं
बारिश के मौसम में अगर बुखार 24 घंटे से अधिक समय तक रहता है तो तुरंत भागकर डॉक्टर के पास जाना चाहिए. इसके अलावा बुखार के साथ सिरदर्द, उल्टी, दस्त या सांस की तकलीफ, शरीर में लाल चकत्ते होना, बच्चों में झटके आना, बुजुर्गों में भ्रम या बेहोशी जैसी स्थिति बन रही है तो बिना देर किए अस्पताल जाना चाहिए. ताकि सही समय पर बीमारी पकड़ में आ जाए और उसका इलाज हो सके. इसमें जरा सी भी लापरवाही स्थिति गंभीर बना सकती है.
हर वायरस में बुखार पहला लक्षण
हर साल इस मौसम में डेंगू अपना कहर बरपाता है लेकिन इस साल डेंगू के अलावा कई और वायरस लोगों के घूम रहे हैं. निपाह वायरस हो, चांदीपुरा वायरस, ज़ीका वायरस या फिर वायरल फ्लू हर किसी में सबसे पहला लक्षण बुखार ही होता है. ऐसे में अगर 24 घंटे से ज्यादा तेज बुखार बरकरार रहे तो इसे हल्के में लेने की गलती ना करें. यह किसी जानलेवा वायरस की दस्तक भी हो सकती है. बेहद जरूरी है कि तुरंत डॉक्टर को कंसर्ट करें और जल्द से जल्द जांच कर कर बीमारी का पता लगाएं ताकि लाज समय पर शुरू किया जा सके.
सुरक्षित कैसे रहें?
बुखार के साथ होने वाले इन्फेक्शन के प्रभाव को कम करना सबसे ज्यादा जरूरी होता है. इस दौरान डिहाइड्रेशन से बचने की कोशिश करें और ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं. खास तौर पर गर्मी और उमस के दौरान खुद को हाइड्रेटेड रखना जरूरी है. इसके अलावा अगर बुखार उल्टी दस्त या फिर डिजीनेस महसूस हो तो ज्यादा से ज्यादा आराम करें क्योंकि आराम करने से शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है. इसके अलावा अगर बारिश के मौसम में भीगने की वजह से या फिर किसी और वजह से बुखार आ रही हो तो ठंडा पानी से बिल्कुल ना ना आए गर्म पानी से ही नहाएं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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