Diabetes Foot Care in Monsoon : डायबिटीज के मरीजों के लिए बारिश का मौसम आफत बनकर आता है. इस मौसम में बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है, उनके लिए मुसीबत बन सकता है. चूंकि डायबिटीज मरीजों की इम्यूनिटी कमजोरी होती है, ऐसे में उन्हें बचकर रहने की सलाह दी जाती है.
मानसून के सीजन में पैरों की साफ-सफाई का सही तरह ध्यान रखना चाहिए. वरना दिक्कतें बढ़ सकती हैं. आइए जानते हैं बारिश में डायबिटीज के मरीजों को पैरों की देखभाल करने की सलाह क्यों दी जाती है...
मानसून में डायबिटीज मरीजों को रखना चाहिए पैरों का ख्याल
डॉक्टर हमेशा डायबिटीज के मरीजों को मानसून में पैरों का ज्यादा ख्याल रखने की सलाह देते हैं. दरअसल, जब ब्लड शुगर कंट्रोल में नहीं रहता है तो नर्व को नुकसान पहुंच सकता है. , जिससे वो सुन्न हो जाता है. इसे डायबिटिक न्यूरोपैथी कहा जाता है. इसमें उन्हें इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है.
डायबिटीज की वजह से उनके पैरों में ब्लड सर्कुलेशन सही तरह नहीं हो पाता है, जिससे शरीर इंफेक्शन से सही तरह नहीं लड़ पाता है और पैरों मे गैंगरीन होने का खतरा रहता है. यह एक ऐसी समस्या है, जिसमें अंग काटने तक की नौबत आ सकती है, इसलिए इस मौसम में पैरों की साफ-सफाई पर ज्यादा फोकस और सही ख्याल रखने की सलाह दी जाती है.
बारिश में डायबिटीज मरीज इस तरह रखें पैरों का ख्याल
1. बरसात में जब भी बाहर से घर आएं तो पैरों को पानी से धोएं.
2. पैरों को गीला छोड़ने की भूल न करें. इससे इंफेक्शन का खतरा रहता है. पैरों को सही तरह सुखाएं.
3. पैरों पर किसी तरह का घाव दिखे तो साफ कर एंटीसेप्टिक क्रीम लगाना न भूलें. अगर घाव बढ़ रहा है तो डॉक्टर के पास जाएं.
4. चप्पल पहनकर ही रहें. घर में भी नंगे पांव न चलें.
5. पूरी तरह बंद होने वाले फुटवेयर्स पहनने से बचें. हवादार फुटवेयर्स लें. सिथेंटिक मेटैरियल से बने शूज न पहनें.
6. पैर की उंगलियों के बीच की जगह की साफ-सफाई अच्छी तरह करें. यहां बैक्टीरिया का खतरा ज्यादा रहता है. इससे बचने के लिए एंटीफंगल पाउडर का उपयोग करें.
7. नाखूनों की साफ-सफाई करते रहें, उन्हें काटते रहें.
8. एक ही पोजिशन में लंबे समय तक बैठने से बचें. पैरों को हल्का-फुल्का हिलाते रहें, ताकि उनमें ब्लड सर्कुलेशन सही तरह होता रहे.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
यह भी पढ़ें: पुणे के एक ही परिवार के दो लोगों को हुआ Zika Virus इंफेक्शन, जानें इसके शुरुआती लक्षण