Health Tips For Women: घर में महिलाएं पूरा घर संभालती हैं. बच्चे की परवरिश हो या सारे लोगों का ध्यान रखना, इस बीच महिलाएं अपना ध्यान रखना भूल जाती हैं. यही कारण है कि 30 की उम्र के बाद अक्सर महिलाएं ज्यादा बीमार होने लगती है, क्योंकि वह अच्छा खाना, व्यायाम, हेल्दी डाइट लेना सब भूल जाती हैं. ब्रेस्ट कैंसर हो थायराइड ऐसी बीमारियों को दूर रखने के लिए, नियमित स्वास्थ्य जांच जरूरी है क्योंकि जांच करवाने से शुरुआती चेतावनी के संकेतों की पहचान करने में आपको मदद मिल सकती है. शरीर में पनप रही बीमारी का समय रहते पता चल जाए तो उसका इलाज भी टाइम से हो जाएगा.
30 के उम्र में महिलाओं को करवाने चाहिए ये टेस्ट
हर महिला को स्वस्थ आदतों के लिए नियमित व्यायाम, तनाव प्रबंधन और सही भोजन चुनने के लिए समय निकालना चाहिए. शेड्यूलिंग नियमित स्वास्थ्य जांच, जो संभावित समस्याओं का जल्द पता लगा सकती है, उन आदतों में से एक है. जैसे-जैसे महिलाएं आगे बढ़ती हैं या अपने 30 के दशक में आती हैं, यहां पांच परीक्षण हैं जिन्हें इष्टतम स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए नियमित रूप से प्राप्त करने पर विचार करना चाहिए. 30 की उम्र के बाद महिलाएं ज्यादातर बीमारियों की चपेट में आ सकती हैं.
ब्रेस्ट कैंसर की जांच कराने के लिए कराएं ये टेस्ट
मैमोग्राम एक्स रे स्तन कैंसर की जांच के लिए किया जाता है, इसका इस्तेमाल ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने के लिए किया जाता है. लंबे समय से इस बारे में चर्चा होती रही है कि एक महिला ये टेस्ट जरूर कराना चाहिए. क्योंकि आपकी उम्र के साथ स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, और बार-बार स्क्रीनिंग से आपको समय रहते इस बीमारी का पता लग सकता है. यूएसपीएसटीएफ के सबसे हालिया दिशानिर्देशों की सिफारिश है कि 50 साल की उम्र से महिलाओं को हर दो साल में मैमोग्राम करवाना चाहिए. बढ़ती उम्र में महिलाएं इस बीमारी का सबसे ज्यादा सामना करती हैं. इसीलिए कुछ भी ऐसे लक्षण दिखने पर मैमोग्राम एक्स रे जरूर कराएं.
थायराइड
अंडरएक्टिव (हाइपोथायरायडिज्म) या ओवरएक्टिव थायरॉयड (हाइपरथायरायडिज्म) का पता लगाने के लिए टेस्ट कराना जरूरी होता हैं. सामान्य निष्कर्षों के मामले में, साल में एक बार थायराइड का टेस्ट जरूर कराना चाहिए.
ब्लड शुगर टेस्ट
रक्त चाप का टेस्ट भी आपको कराना चाहिए. 120/80 से नीचे की रीडिंग बढ़िया है. अगर रीडिंग नॉर्मल है तो अगले साल टेस्ट कराएं. ब्लड शुगर टेस्ट मधुमेह का पता लगाने में मदद करता है. 100 से 110 के बीच प्री-डायबिटीज और 110 से ऊपर होना डायबिटीज का संकेत देता है.
विटामिन डी की कमी
एक अत्यंत सामान्य स्थिति, विटामिन डी की कमी, अन्य बातों के अलावा, बाद के वर्षों में हड्डियों के नुकसान और ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को बढ़ा देती है. रक्त परीक्षण में रीडिंग 30 एक कमी को इंगित करता है. विटामिन डी की कमी से आपको ज्यादातर बीमारियां जकड़ लेती है. इसीलिए इसका टेस्ट कराना जरूर चाहिए.
हड्डियों की स्क्रीनिंग
महिलाओं को 65 साल की उम्र में हड्डी घनत्व परीक्षण के साथ ऑस्टियोपोरोसिस के लिए जांच करानी शुरू कर देनी चाहिए. ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम वाले कारकों जैसे कि फ्रैक्चर या शरीर के कम वजन वाले लोगों की पहले जांच की जानी चाहिए. इस परीक्षण के लिए, जिसे DEXA स्कैन कहा जाता है, आप एक मेज पर लेट जाते हैं जबकि एक कम खुराक वाली एक्स-रे मशीन आपकी हड्डियों की छवियों को कैप्चर करती है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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