Health Tips: डायबिटीज के मरीजों के लिये अच्छी खबर! सफेद चीनी का अच्छा विकल्प कोकोनट पाम शुगर
डायबिटिक लोगों के लिये कोकोनट पाम शुगर सादा चीनी का एक बहुत अच्छा ऑप्शन है. खाने में ये चीनी जैसा स्वाद देती है लेकिन इसमें न्यूट्रिशन सफेद चीनी से कई गुना ज्यादा है. सबसे बड़ी बात है कि कोकोनट शुगर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है जो डायबिटीज के मरीजों के लिये अच्छा है.
Health Tips: मीठा खाने में सबको अच्छा लगता है, कुछ लोग थोड़ा कम मीठा खाते हैं तो कुछ लोग मीठे के ज्यादा शौकीन होते है. लेकिन जो मोटापे के शिकार हैं या जिनको डायबिटीज है उनके लिये किसी भी तरह का मीठा बहुत नुकसान देता है. ऐसे में ये लोग चीनी का विकल्प अपनाते हैं जिससे मुंह मीठा भी हो जाये और कोई परेशानी भी ना हो. मार्केट में चीनी के विकल्प के तौर पर शहद, ब्राउन शुगर, गुड़ और गुड़ से बनी शक्कर मौजूद है. इसके अलावा कुछ लोग चीनी की जगह शुगर फ्री का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि चीनी की जगह उसके विकल्प का इस्तेमाल करके लोग कई बार बोर हो जाते हैं. कुछ लोगों को चीनी की क्रेविंग होती है तो उनके लिये मार्केट में बेहतर ऑप्शन है जिसका नाम है कोकोनट शुगर. जानिये नारियल के पेड़ से बनने वाली ये चीनी कैसे बनती है और क्या है इसके फायदे.
कैसे बनती है कोकोनट शुगर- कोकोनट पाम ट्री के सैप यानी नारियल के पेड़ के फूलों के रस से ये चीनी बनती है. इस रस को पहले पेड़ से इकठ्ठा किया जाता है फिर उसको उबाल कर सारा मॉइश्चर खत्म करके उसका ड्राई पाउडर बनाते हैं. इसके बाद उसे नैचुरली प्रोसेस करके चीनी के दाने जैसा बनाते हैं. इसकी न्यूट्रिशियस वैल्यू और अनप्रोसेस्ड होने की वजह से इसकी कीमत सादा चीनी से ज्यादा होती है. मार्केट में ये कोकोनट पाम शुगर के नाम से मिलती है. इस चीनी का रंग हल्का ब्राउन होता है और ये दिखने में गुड़ वाली शक्कर जैसी दिखती है. साउथ इंडिया में नारियल ज्यादा होने की वजह से ये वहां पर पहले से ही इस्तेमाल की जाती है. साउथ इंडियन मिठाइयों में कोकोनट शुगर का इस्तेमाल होता है. लेकिन अब ये हर जगह पॉपुलर हो रही है और खासकर जिनको रिफाइंड शुगर यानी सादा सफेद चीनी नुकसान करती है उनके लिये ये अच्छा ऑप्शन है.
कोकोनट शुगर के फायदे- सादा चीनी की बजाय नेचुरल तरीके से बनी होने की वजह से इसमें प्रिजर्वेटिव नहीं होते हैं. सादा चीनी में बस कैलोरी होती है लेकिन कोकोनट पाम शुगर में कैलोरी बहुत कम हैं और विटामिन्स- मिनरल्स ज्यादा होते हैं. इसमें विटामिन बी-1, बी-12 और फॉलिक एसिड होता है जो शरीर के लिये फायदेमंद है. कोकोनट शुगर में ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी शहद और सफेद चीनी से कम होता है जो डायबिटीज वालों के लिये राहत की बात है. डायबिटीज वालों के कोकोनट पाम शुगर एक बेहतरीन विकल्प है. नारियल की चीनी में ग्लाइसेमिकल इंडेक्स बस 35 होता है जबकि दूसरी और चीनी में ये 60 या इससे ज्यादा होता है. कोकोनट पाम शुगर में फाइबर और प्रोबायोटिक भी होता है जो डाइजेशन के लिये बहुत अच्छा है. इसलिये अगर आप थोड़ी बहुत मात्रा में चीनी खाना चाहते हैं तो कोकोनट पाम शुगर जरूर ट्राई करें. इसका इस्तेमाल चाय, दूध और मिठाइयों में किया जा सकता है.
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