एक्सप्लोरर
Advertisement
क्या आप जानते हैं इंसान के रोंगटे क्यों खड़े हो जाते हैं? जानिए शरीर के लिए ये क्यों और कैसे है फायदेमंद?
जब हम कुछ भी अप्रत्याशित देखते हैं या तेज साउंड सुनते हैं तब रोंगटे खड़े हो जाते हैं.ऐसी स्थिति में त्वचा सिकुड़ जाती है और रोएं के पास उभार आ जाता है. क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा होता क्यों है.
Goosebumps : अक्सर जब हम कुछ अप्रत्याशित देखते हैं या फील करते हैं तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं. इस स्थिति में पूरे शरीर में झुरझुरी महसूस होती है. गूजबम्प्स किसी भी मौसम या किसी भी वक्त हो सकता है लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि आखिर रोंगटे खड़े क्यों हो जाते हैं. इसके पीछे क्या है साइंस. अगर नहीं तो चलिए जानते हैं गूजबम्प्स (Goosebumps) से जुड़े दिलचस्प फैक्ट्स...
क्यों खड़े हो जाते हैं रोंगटे
रोंगटे खड़े होने की प्रक्रिया पाइलोइरेक्शन की वजह से होती है. ऐसी स्थिति में शरीर के रोएं कुछ देर के खुद ही खड़े हो जाते हैं, त्वचा कुछ सिकुड़ जाती है, बालों की जड़ों के पास उभार आ जाता है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि पाइलोइरेक्टर मसल्स रोएं के पास जुड़ी रहती हैं, जिनके सिकुड़ने पर रोएं खड़े हो जाते हैं. पाइलोइरेक्शन सिंपथेटिक नर्वस सिस्टम की एक स्वैच्छिक प्रतिक्रिया है.
रोंगटे खड़े होना हमारे लिए फायदेमंद या नुकसानदायक
पाइलोइरेक्शन से ठंड, भय या चौंकाने जैसे अनुभव होते हैं. अमेरिका के न्यूयॉर्क की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कीथ रोच ने बताया कि गूजबम्प्स हमारे लिए फायदेमंद होते हैं. हमारे शरीर में उतने रोएं नहीं हैं, जितने जानवरों या कुछ दूसरे स्तनधारी प्राणियों पाए जाते हैं. बावजूद इसके रोएं खड़े होने के दौरान पाइलोइरेक्टर मसल्स फूल जाती हैं. यह एक स्वाभाविक शारीरिक प्रतिक्रिया है, जिसकी वजह से अचानक से होने वाली इस प्रतिक्रिया का शरीर के दूसरे नाजुक अंगों पर दबाव कम ही पड़ता है और ठंड कम लगती है.
क्या जानवरों के लिए फायदेमंद है गूजबम्प्स
प्रोफेसर कीथ रीच के अनुसार, गूसबम्प्स जानवरों के लिए काफी मददगार है. रोंगटे खड़े होने के दौरान मसल कॉन्ट्रैक्ट होने से उनके बाल फूलकर खड़े हो जाते हैं. ठंडी जगहों पर रहने वाले जानवरों के रोंगटे खेड़े होते हैं तो उनके बालों के बीच हा भर जाती है, जिससे ठंड का एहसास कम होता है. दूसरा फायदा यह है कि हमले की स्थिति में बाल फूलने से जानवर अपनी वास्तविक आकार से बड़े नजर आते हैं, जिससे दूसरे जानवर डर जाते हैं.
किसी आवाज को सुनकर गूजबम्प्स क्यों आते हैं
प्रोफेसर कीथ रोच के मुताबिक, रोंगटे खड़े होना आवाज और किसी दृश्य से बहुत गहरा संबंध है. जब हम कोई मूवी देखते हैं और कोई कोई ऐसी सीन देखते हैं, जिसकी उम्मीद नहीं रहती तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं. कोई अच्छा गाना सुनकर भी रोंए खड़े हो जाते हैं. इमोशनल सीन पर भी गूजबम्प्स निकल आते हैं. दरअसल, साउंड से गूजबम्प्स निकलने के लिए इंसानी दिमाग का एक भाग जिम्मेदार होता है. इसे इमोशनल ब्रेन कहते हैं. जब हम कुछ अप्रत्याशित आवाज सुनते हैं तब यह एक्टिव हो जाता है. कई बार इमोशनल ब्रेन खतरे जैसी ध्वनि पर भी सक्रिय हो जाता है और रोंगटे खड़े हो जाते हैं. दिमाग को लगता है कि इस आवाज से खतरा है, इसलिए गूजबम्प्स निकल आते हैं.
यह भी पढ़ें
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, लाइफस्टाइल और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
मध्य प्रदेश
टेलीविजन
क्रिकेट
Advertisement
अशोक वानखेड़ेवरिष्ठ पत्रकार
Opinion