H3N2 Influenza: देश में H3N2 इंफ्लूएंजा का मामले लगातार बढ़ रहे हैं. कोविड के बाद अब इस वायरस की चपेट में लोग आ रहे हैं. यह आमतौर पर मौसमी बीमारी ही है लेकिन कमजोर इम्यूनिटी वालों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है. वायरस शरीर के दूसरे अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकता है. डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे मरीज जिन्हें किडनी की समस्या है, उन्हें H3N2 इन्फ्लूएंजा गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है. इन्फ्लूएंजा (Influenza) की वजह से गंभीर बीमार मरीजों के 30 प्रतिशत मामलों में एक्यूट किडनी फेलियर का खतरा बना हुआ है. इसलिए पहले से ही डायबिटीज, हार्ट डिजीज या किसी दूसरी बीमारी से परेशान लोगों को ज्यादा सावधान रहने की सलाह दी जा रही है.
किडनी के मरीज ध्यान दें
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट वाले मरीजों में अगर इन्फ्लूएंजा संक्रमण होता है तो यह खतरनाक हो सकता है. इससे मरीजों को हार्ट संबंधी बीमारी हो सकती है. डॉक्टर कहते हैं कि क्रोनिक किडनी डिजीज वाले मरीजों में किसी भी वायरस का खतरा ज्यादा रहता है. ऐसे में किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं तो सावधान रहने की जरूरत है. जब भी डायलिसिस कराने घर से बाहर जाए तो इन्फ्लूएंजा से बचकर रहना चाहिए. क्योंकि अगर किडनी मरीज इस वायरस की चपेट में आते हैं तो स्थिति गंभीर हो सकती है.
किडनी मरीज H3N2 से इस तरह करें बचाव
1. किडनी मरीज जब भी बाहर जाएं, मास्क लगाकर रखें.
2. अस्पताल जाते वक्त संक्रमण से ज्यादा सावधान रहें और बचाव करें.
3. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें.
4. बिना हाथ धोए खाना न खाएं.
5. साफ-सफाई पर ध्यान दें.
वैक्सीन रख सकता है सेफ
डॉक्टर का कहना है कि किडनी डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के बाद मरीजों को इन्फ्लूएंजा की वैक्सीन लगवानी चाहिए. किडनी विशेषज्ञ डॉक्टर के पास रेगुलर तौर पर जाना चाहिए.किडनी के मरीजों को फ्लू का कोई भी लक्षण दिखे तो बिना देर किए डॉक्टर के पास पहुंचे. लापरवाही से बचें वरना स्थिति बिगड़ सकती है.
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