Heart Attack : हार्ट अटैक मौत का प्रमुख कारण है. दुनिया में करीब 30 करोड़ लोग हार्ट से जुड़ी परेशानियों से जूझ रहे हैं. हार्ट अटैक से होने वाली मौतों में 40% मौत तो सिर्फ भारत में ही हो रही है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जब हार्ट तक ब्लड की पर्याप्त मात्रा नहीं पहुंच पाती है तो हार्ट अटैक आता है.


माना जाता है कि हार्ट अटैक सिर्फ 60 साल की उम्र के बाद यानी बुजुर्गों को ही आता है लेकिन आजकल 40 साल से कम उम्र वालों में भी इसका खतरा तेजी से बढ़ रहा है. बहुत से लोग आज भी इस बीमारी को लेकर कंफ्यूज हैं और कई तरह के मिथ में जी रहे हैं. आइए जानते हैं हार्ट से जुड़ी 5 मिथ और उनके फैक्ट्स...




Myth : हार्ट अटैक को ही हार्ट फेलियर कहते हैं




Fact : हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर दोनों ही हार्ट से जुड़ी गंभीर स्थिति हैं. दोनों समान नहीं हैं. हार्ट अटैक तब आता है जब हार्ट में ब्लड की सप्लाई कम होती है, जबकि हार्ट फेलियर तब होता है जब हार्ट खून को पंप करना बंद कर देता है.




Myth : हार्ट फेलियर के पहले कोई वार्निंग संकेत नहीं मिलता है




Fact : हार्ट फेलियर के पहले कई तरह की वॉर्निंग साइन मिलते हैं, जिसे लोग नजरअंदाज कर देते हैं. इनमें अनियमित धड़कनें, बेहोशी, चक्कर आना, ब्लोटिंग, कंफ्यूजन जैसी स्थितियां शामिल हैं. अक्सर लोग इसे बड़ी उम्र की समस्या या कमजोरी समझते हैं, जो बाद में गंभीर हो सकता है.




Myth : युवाओं को हार्ट अटैक नहीं हो सकता है




Fact : आमतौर पर हार्ट फेलियर या हार्ट अटैक जैसी समस्याएं बुजुर्गों में देखी जाती हैं लेकिन कई बार युवा लोग भी इसकी चपेट में आ जाते हैं. उन्हें हार्ट फेलियर का सामना करना पड़ता है. 30 से 40 साल के लोगों में लाइफस्टाइल खराब होने से इसका खतरा बढ़ा है.




Myth : हार्ट फेलियर को मैनेज नहीं कर सकते हैं




Fact : हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हार्ट फेलियर का मतलब यह नहीं है कि हार्ट काम करना बंद कर दे. भले ही इसे पूरी तरह क्योर नहीं कर सकते हैं लेकिन इसे मैनेज कर सकते हैं.




Myth : सभी तरह के चेस्ट पेन हार्ट फेलियर ही होता है




Fact : सीने में दर्द होना हार्ट फेलियर का एक लक्षण है. हालांकि, इसके अलग अलग-अलग कारण हो सकते हैं. इसलिए इसकी जांच तुरंत करवानी चाहिए. हर तरह के सीने में दर्द हार्ट फेलियर नहीं है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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