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क्यों बढ़ रहीं दिल की बीमारियां, कहीं आप पर भी तो नहीं मंडरा रहा इसका खतरा, इस टेस्ट से करें पता
Heart Attack : आजकल अनहेल्दी लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं. हार्ट अटैक और दूसरी जानलेवा बीमारियां कम उम्र के लोगों को भी अपना शिकार बना रही हैं.
Heart Attack : हार्ट से जुड़ी बीमारियां और हार्ट अटैक का खतरा अब तेजी से बढ़ रहा है. कुछ समय पहले तक बढ़ती उम्र वालों में ही हार्ट अटैक का जोखिम पाया जाता था लेकिन अब युवा भी इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. हाल ही में कुछ ऐसे मामले आए हैं, जब दुर्गा पंडाल, गरबा डांस में हार्ट अटैक से मौत की खबरें आई हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स अब कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) को लेकर अलर्ट कर रहा हैं. उनका कहना है कि ये किसी को भी हो सकता है. इसलिए लाइफस्टाइल और डाइट का खास ख्याल रखना पड़ता है. क्योंकि हार्ट डिजीज के भी यही दोनों प्रमुख कारण हैं.
दिल की बीमारियां क्यों बढ़ रही हैं
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जिस तरह की लाइफस्टाइल हम सभी आजकल जीते हैं, वह हार्ट डिजीज के खतरे को बढ़ा रही है. अधिकतर लोग सेंडेंटरी लाइफस्टाइल को जीते हैं. बहुत से लोग लंबे समय तक बैठे रहते हैं. उनके खानपान में जंक और प्रोसेस्ड फूड्स शामिल होने से कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ रही है. इसका हार्ट की सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है. ऐसे में कम उम्र से ही इसका खास ख्याल रखना पड़ता है, वरना इसके गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं. इसलिए टेस्ट के जरिए हार्ट डिजीज का खतरा पता लगाया जा सकता है.
कोलेस्ट्रॉल की जांच कराएं
कोलेस्ट्रॉल हमारे ब्लड में पाया जाने वाला मोम युक्त पदार्थ होता है. स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण में इसकी आवश्यकता होती है. हालांकि, इसकी ज्यादा मात्रा हार्ट की बीमारी के खतरे को बढ़ा देती है. ब्लड सैंपल के जरिए शरीर में कोलेस्ट्रॉल की जांच की जाती है. इसके जरिए कोलेस्ट्रॉल और फैट की मात्रा का पता लगाया जाता है. ब्लड में 200 मिलीग्राम/डीएल से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को सामान्य माना जाता है, जबकि 240 मिलीग्राम/डीएल या उससे ज्यादा मात्रा हानिकारक हो सकती है.
ECG की जांच
इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG) टेस्ट से हार्ट में विद्युत संकेत रिकॉर्ड होती हैं. इस टेस्ट की मदद से दिल धड़कन की तेजी का पता चलता है. ईसीजी में बदलाव हार्ट संबंधी कई स्थितियों का संकेत हो सकते हैं. हार्ट अटैक जैसी परिस्थितियों के लिए इस टेस्ट की मदद ली जाती है.
CRP टेस्ट
शरीर में इंफ्लामेशन की दिक्कत का पता लगाने के लिए सी-रिएक्टिव प्रोटीन (CRP) टेस्ट की सलाह दी जाती है. सीआरपी का स्तर बढ़ने का मतलब गंभीर स्वास्थ्य स्थिति का संकेत हो सकता है, जो सूजन की वजह बन सकती है. एचएस-सीआरपी टेस्ट कोरोनरी आर्टरी डिजीज के खतरों को जानने में हेल्प मदद करती है. कोरोनरी आर्टरी डिजीज में दिल की धमनियां सिकुड़ जाती हैं, इससे हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है.
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
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