Heart Attack Vs Heart Failure : दिल की बीमारियों का खतरा दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहा है. पिछले कुछ सालों से हर उम्र के लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं. कुछ अध्ययनों के अनुसार, कोविड-19 के बाद से ही हार्ट डिजीज और इससे होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ा है. भारत में 30 साल से कम उम्र वालों में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) का खतरा बढ़ा है.
हार्ट फेलियर और हार्ट अटैक की वजह से हर साल बड़ी संख्या में लोग अपनी जान गंवा देते हैं. ये दोनों ही कंडीशन बेहद खतरनाक हैं और हार्ट को अलग-अलग तरह से प्रभावित कर सकती हैं. हालांकि, बहुत से लोग हार्ट फेलियर और हार्ट अटैक को एक ही समस्या मान लेते हैं. अगर आप भी ऐसा ही मानते हैं तो अपनी इस गलतफहमी को दूर कर लीजिए...
Myth : एक ही हैं हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर
Fact : हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर दोनों अलग-अलग हार्ट कंडीशन हैं.हार्ट अटैक या दिल के दौरे को मायोकार्डियल इंफार्क्शन भी कहा जाता है. यह तब होता है, जब हार्ट के किसी हिस्से में ब्लड फ्लो में अचानक से कमी आ जाती है, या किसी कारण ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट आ जाती है. धमनियों में किसी तरह की परेशानी, कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ना या हाई ब्लड प्रेशर के कारण हार्ट अटैक का खतरा रहता है. अगर समय पर इसकी पहचान कर ली जाए तो जान बच सकती है. जबकि हार्ट फेलियर यानी कंजेस्टिव हार्ट फेलियर तब होता है, जब हार्ट सही तरह ब्लड को पंप नहीं कर पाता है. हार्ट फेलियर का कोई इलाज नहीं है.
Myth : हार्ट फेलियर से ज्यादा खतरनाक होता है हार्ट अटैक
Fact : हार्ट अटैक में अगर किसी मरीज को सही समय पर इलाज मिल जाए तो उसे बचाया जा सकता है. CPR जैसे शुरुआती उपाय इसमें सबसे कारगर माने जाते हैं. जबकि हार्ट फेलियर (Heart Failure) का कोई इलाज नहीं है. कुछ बचे मरीजों का इलाज लक्षणों के गंभीर होने से रोकने के लिए किया जाता है.
Myth : बुजुर्गों और पुरुषों को ही हार्ट अटैक आता है
Fact : हार्ट अटैक किसी भी उम्र में हो सकता है, यहां तक कि युवाओं को भी हार्ट अटैक हो सकता है. हार्ट अटैक महिलाओं को भी हो सकता है. महिलाओं में इसके लक्षण पुरुषों से अलग हो सकते हैं।
Myth :हार्ट अटैक का कारण सिर्फ हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल है
Fact : हार्ट अटैक के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें धूम्रपान, डायबिटीज, मोटापा और तनाव शामिल हैं. हार्ट अटैक के बाद मरीज को आराम करने के साथ-साथ नियमित एक्सरसाइज और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए. हार्ट सर्जरी के बाद मरीज को कुछ हफ्तों में ठीक होने में मदद मिल सकती है और वे अपने सामान्य जिंदगी में लौट सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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