Heart Disease in Women : कुछ साल पहले तक माना जाता था कि महिलाओं को हार्ट अटैक कम होती है लेकिन कई रिसर्च और घटनाओं से साबित हो चुका है कि महिलाएं भी दिल की बीमारियों से सुरक्षित नहीं हैं. पुरुषों की तुलना में उनमें हार्ट डिजीज (Heart Disease) का जोखिम ज्यादा रहता है. दिल्ली में Cardiology Summa 2024 में पेश एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि दिल की बीमारियों से होने वाली मौतों में कमी आई है लेकिन महिलाओं में इसके केस बढ़ गए हैं. 2016 में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने औपचारिक तौर पर माना कि महिलाओं में हार्ट अटैक का रिस्क ज्यादा होता है.
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महिलाओं में दिल की किस बीमारी का खतरा ज्यादा
हेल्थ एक्सपर्ट्स और कार्डियोलॉजिस्ट्स के अनुसार, महिलाओं में सबसे ज्यादा होने वाली दिल की बीमारी कोरोनरी आर्टरी डिजीज है, जिसमें हार्ट से दूसरे अंगों तक खून पहुंचाने वाली नलियों में प्लाक बन जाता है और ब्लॉकेज हो जाती है.
मेनोपॉज के बाद महिलाओं के शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव की वजह से उनमें इस बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है. 'एरीथीमिया' की वजह से उनमें हार्ट अटैक की रिस्क ज्यादा रहता है. इसमें उनका दिल या तो बहुत धीरे या तेज धड़कता है. इसके अलावा हार्ट फेल्योर का जोखिम भी उनमें ज्यादा होता है.
महिलाओं में हार्ट डिजीज क्यों खतरनाक
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कई महिलाओं में हार्ट डिजीज के लक्षण हार्ट अटैक जैसी सीरियस मेडिकल इमरजेंसी होने तक नजर ही नहीं आते हैं. महिलाओं में दिल की बीमारी के लक्षण पुरुषों से काफी अलग होते हैं, जिसकी वजह से उन पर किसी का ध्यान भी नहीं जाता है. महिला को किस तरह की हार्ट डिजीज है, इसका पता लक्षण से ही चलता है.
इसके अलावा हार्ट डिजीज की सभी महिला मरीज पहले से किसी बीमारी से पीड़ित नहीं होती हैं. कुछ तो हेल्दी लाइफस्टाइल जीती रहती हैं लेकिन स्ट्रेस, एंग्जायटी, पॉल्यूशन जैसे कई फैक्टर्स भी हार्ट अटैक की वजह बन सकते हैं. हालांकि, महिलाएं हाई ब्लड प्रेशर और ज्यादा गंभीरता से नहीं लेती और लापरवाही की वजह से दिक्कतें बढ़ती हैं.
महिलाओं में हार्ट डिजीज के लक्षण
लंबे समय तक छाती में दर्द
ज्यादा थकान, चक्कर, हाथों में झनझनाहट
गर्दन, जबड़े, पीठ या पेट में ऊपर की ओर दर्द
छाती में दबाव, अपच, जलन, उल्टी, जी मिचलाना
स्किन का रंग बदलना
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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