Heat Therapy vs Cold Therapy : शरीर में लगी अंदरुनी चोट लंबे समय तक परेशान करती रहती है. इसकी वजह से दर्द और सूजन की समस्या हो सकती है. कई बार दवाईयां भी इस पर काम नहीं करती है. ऐसे में डॉक्टर सिंकाई करने की सलाह देते हैं. चोट की सिंकाई ठंडी और गर्म दो तरीके से की जाती है. अक्सर लोग कंफ्यूज रहते हैं कि चोट के दर्द और सूजन को कम करने के लिए कौन सी सिंकाई ज्यादा फायदेमंद होता है. किससे चोट जल्दी ठीक हो सकता है. यहां जानिए कौन सी सिंकाई ज्यादा बेहतर होती है...
गर्म सिंकाई के फायदे
चोट लगने पर कई बार गर्म सिंकाई करने से जड़कन से छुटकारा मिल सकता है. इससे जोड़ों के दर्द से भी राहत मिल सकती है. इससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन तेज हो सकता है, जिससे दर्द को दूर करने का प्रभावी तरीका हो सकता है. किसी तरह के मोच, दर्द या जॉइंट पेन में गर्म सिंकाई जबरदस्त तरीके से काम करती है. पीठ दर्द, गर्दन दर्द जैसी समस्याओं में भी यह तरीका काफी काम आ सकता है.
ठंडी सिंकाई के फायदे
चोट लगने पर अगर खून तेजी से निकल रहा है तो ठंडी सिंकाई काफी काम आ सकती है. इससे सूजन और दर्द से तुरंत आराम मिल सकता है. हालांकि, घाव पर सीधे बर्भ लगाने से बचना चाहिए. ठंडी सिंकाई से अर्थराइटिस या गठिया के दर्द और सूजन को भी कम करने में मदद मिल सकती है. अगर किसी फिजिकल एक्टिविटीज की वजह से दर्द हो रहा है या जकड़न की समस्या है तो ठंडी सिंकाई की डॉक्टर सलाह देते हैं.
चोट पर कौन सी सिंकाई ज्यादा बेहतर
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, चोट लगने पर ठंडी और गर्म दोनों तरह की सिंकाई ही अच्छी हो सकती है. अगर सूजन ज्यादा है तो ठंडी सिंकाई करनी चाहए. वहीं, दर्द से आराम पाने के लिए गर्म सिंकाई करना बेहतर हो सकता है. इसी तरह कई बार ब्लड सर्कुलेशन कम होने पर गर्म सिंकाई अच्छी हो सकती है और खून बहना रोकने के लिए ठंडी सिंकाई की जाती है. ऐसे में चोट और दर्द किस तरह की है, सिंकाई भी उसी तरह की करनी चाहिए.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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