Kidney Health Tips : किडनी हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है. यह शरीर से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ को बाहर निकालकर ब्लड प्रेशर और पीएच लेवल को कंट्रोल रखता है और हार्मोन्स के स्तर को बेहतर बनाने में मदद करता है. पिछले कुछ समय से किडनी (Kidney Health) से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ी हैं. कम उम्र के लोगों की किडनी में समस्याएं आ रही हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, किडनी फेलियर के ज्यादातर मामलों में ब्लड में क्रिएटिनिन की मात्रा (Creatinine) बढ़ना पाया जाता है. ऐसे में अगर सही समय पर इस पर ध्यान दे दिया जाए तो किडनी फेलियर से बचा जा सकता है. आइए जानते हैं आखिर ये क्रिएटिनिन है क्या और यह कैसे किडनी को नुकसान पहुंचाता है.

 

क्रिएटिनिन क्या है

मांसपेशियों में बनने वाले अपशिष्ट उत्पाद को क्रिएटिनिन कहते हैं. किडनी इसे फिल्टर करने का काम करती है लेकिन अगर ब्लड में में क्रिएटिनिन की मात्रा ज्यादा हो जाए तो किडनी के लिए इसे फिल्टर कर पाना आसान नहीं होता है. ऐसी स्थिति में किडनी फेल हो सकती है.

 

किडनी डैमेज होने से कैसे बचाएं

 

1. आहार-लाइफस्टाइल में बदलाव कर क्रिएटिनिन के लेवल को मेंटेन कर सकते हैं.

2. रिसर्च में पता चला है कि प्रोटीन रिच फूड्स के ज्यादा सेवन से क्रिएटिनिन का लेवल बढ़ सकता है. इसलिए  रेड मीट या डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे प्रोटीन से भरपूर चीजों का सेवन सीमित करें.

3. फाइबर क्रिएटिनिन के स्तर को कंट्रोल करने में मददगार हो सकता है. स्टडी के मुताबिक, खाने में फाइबर बढ़ाकर ऐसे क्रोनिक हार्ट डिजीज में सुधार देखने कोमिला है. सब्जियां, फल, साबुत अनाज या नट्स खाएं

4. शराब-सिगरेट से जितना हो सके उतनी दूरी बनाएं. इससे किडनी को कई नुकसान पहुंच सकते हैं. शोध में पता चला है कि शराब छोड़कर क्रोनिक किडनी रोग के रिस्क को कम कर सकते हैं. क्योंकि धूम्रपान और अल्कोहल ब्लड में क्रिएटिनिन को बढ़ा सकते हैं.

 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

 

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