High Haemoglobin Risks : हमारा शरीर इस तरह बना है कि इसके लिए कुछ भी बहुत ज्यादा या बहुत कम अच्छा नहीं होता है. हीमोग्लोबिन को लेकर भी ऐसा ही होता है. हीमोग्लोबिन कम होने पर थकान, कमजोरी, एनीमिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं तो इसका बढ़ना भी खतरनाक है. इसलिए शरीर में हीमोग्लोबिन का लेवल (Haemoglobin Level) मेंटेन करना बेहद जरूरी है. अगर आपका भी हीमोग्लोबिन लेवल लगातार बढ़ा हुआ रहता है तो आपको इसके खतरों को बारें में जान लेना चाहिए...



हीमोग्लोबिन क्या है




हीमोग्लोबिन (Haemoglobin) रेड ब्लड सेल्स में मौजूद प्रोटीन है, जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है. जब इसका लेवल शरीर में बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, तो खून गाढ़ा होने लगता है, इससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो  जाता है, जो कई समस्याओं का कारण बन सकता है. पुरुषों के लिए 16.6 ग्राम/डीएल से अधिक और महिलाओं के लिए 15 ग्राम/डीएल से अधिक हीमोग्लोबिन नहीं होना चाहिए.




हीमोग्लोबिन बढ़ने का कारण




हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हाई हीमोग्लोबिन के कुछ सामान्य कारणों में ज्यादा ऊंचाई पर रहना, लंबे समय तक धूम्रपान करना, डिहाइड्रेसन और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) जैसी स्थितियां हैं, जो ऑक्सीजन को सीमित करती हैं. ज्यादा गंभीर मामलों में पॉलीसिथेमिया वेरा जैसे बोन मैरो डिसऑर्डर भी हो सकता है, जो ब्लड से जुड़ी एक रेयर बीमारी है, जिसमें शरीर में बहुत अधिक रेड ब्लड सेल्स बनने लगता है.  इसके अलावा हार्ट डिजीज, कैंसर और ब्लड से जुड़ी कुछ समस्याओं में भी खून में हीमोग्लोबिन की हाई कंसट्रेशन की ज्यादा आशंका होती है.


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हीमोग्लोबिन बढ़ने के खतरे




1. इससे ब्लड क्लॉटिंग हो सकती है. इलेक्ट्रोलाइट खून के थक्के का रिस्क रिकवर है, जिससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक या डीप वेन थ्रोम्बोसिस हो सकता है.




2.  हीमोग्लोबिन बढ़ने से खून में चिपचिपाहट बढ़ सकती है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है.




3. हीमोग्लोबिन ज्यादा होने से थकान और चक्कर की समस्या आ सकती है. इससे ब्लड सर्कुलेशन खराब हो सकता है.


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हीमोग्लोबिन लेवल को मेंटेन कैसे रखें




सही डाइट फॉलो करें.




हर दिन उचित मात्रा में पानी पिएं.




हर दिन कम से कम 45 मिनट से ज्यादा एक्सरसाइज करें.




तनाव को कम करें




शराब या धूम्रपान से परहेज करें.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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