Gossip Reduce Stress: अक्सर ही हमने ये देखा है कि जब भी बचपन में कोई गलत हरकत करते, उसके लिए बड़ों से खूब डांट खानी पड़ती थी. दांत से नाखून काटना, बालों में उंगलियां घुमाना, अव्यवस्थित रहना और सामान न समेटना ये सब हमेशा से ही बुरी आदतें मानी जाती हैं. बड़ों का कहना हमेशा से यही रहता है के अगर समय रहते इन आदतों (Bad Habits) को नहीं बदला गया तो ये आदतें हमारी लाइफ का हिस्सा बन जाती हैं और हमारे व्यवहार में शामिल हो जाती हैं. वहीं, आज एक ऐसी बात हम आपको बताने वाले हैं, जिसे जानकार आप हैरान रह जाएंगे, क्योंकि कई आदतें बुरी होने के बावजूद हमारी हेल्थ के लिए फायदेमंद हो सकती हैं. जी हां, ये बिल्कुल सच है. आज हम कुछ ऐसी ही बुरी आदतों के बारे में आपको बता रहे हैं, जो व्यक्ति की सेहत (Health) पर प्रभाव डालती हैं.
गॉसिप करें स्ट्रेस दूर
महिलाओं का गॉसिप (Gossip) करना हमेशा से ही लोगों को पसंद नहीं आता, लेकिन अब बिंदास होकर खूब गॉसिप करिए, क्योंकि इससे स्ट्रेस कम होता है. जी हां, बतियाने से दिल को ढेर सारी खुशी मिलती है, जिससे स्ट्रेस खुद-ब-खुद स्ट्रेस कम होता है.
च्युइंगम चबाने से भी है बड़ा फायदा
च्युइंगम चबाना कई लोगों की आदत होती है. जो कई बार दूसरों को बहुत ज्यादा इरिटेट कर सकती हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक च्युइंगम चबाने से फोकस बढ़ता है, लंबे समय तक ध्यान केंद्रित करने में मददगार है. मेमोरी तेज करने में हेल्प मिलती है. च्युइंगम चबाना से तनाव भी कम होता है.
नाखून काटने से बढ़ेगी इम्यूनिटी
कुछ लोगों की आदत होती है दांतों से नाखून काटने की. वैज्ञानिकों के मुताबिक ऐसे नाखूनों को कुतरना हेल्थ के लिए अच्छा होता है. इससे शरीर में नए बैक्टीरिया विकसित होते हैं, जो आगे चलकर आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत स्ट्रॉन्ग बनाते हैं.
लापरवाही भी है अच्छी
कुछ लोगों की आदत होती है देरी करने की. इन लोगों को स्कूल , कॉलेज, ऑफिस, घर या किसी फंक्शन में ही क्यों न जाना हो, कभी भी समय पर नहीं पहुंचते. हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की एक स्टडी के अनुसार समय को लेकर लापरवाह लोगों को स्ट्रेस कम होता है. वे दूसरों की अपेक्षा ज्यादा हैप्पी और हेल्दी लाइफस्टाइल जीते हैं.
हंसना भी है जरूरी
कभी-भी हंसते रहने वाले लोगों को लोग अजीब नजर से देखते हैं. वहीं, हमेशा खी-खी करके हंसने वाले लोगों की भी एक अलग इमेज बन जाती है. अगर आपको भी इससे परेशानी हैं तो जान लें कि हंसने और दूसरों से बैठकर बातें करने से व्यक्ति को खुशी मिलती है. वहीं, दोस्तों और रिश्तेदारों से दूसरों के बारे में बात करने और हंसने से शरीर फील-गुड हार्मोन को रिलीज करता है, जिससे व्यक्ति चिंतामुक्त रहता है.
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