Dengue : बरसात शुरू होते ही डेंगू का डर बढ़ गया है. जुलाई से लेकर अक्टूबर-नवंबर तक इसका पीक समय माना जाता है. जब तक तापमान 15-16 डिग्री तक नहीं गिर जाता है, तब तक डेंगू का खतरा बना रहता है. इस समय डेंगू के मच्छरों के पनपने के लिए सबसे अनुकूल होता है.


ऐसे में वर्त रहते सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि डेंगू बुखार (Dengue Fever) बेहद खतरनाक और जानलेवा भी हो सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं डेंगू का मच्छर काटने के बाद इसका असर कितनी देर बाद शुरू होता है, इससे बचने के लिए क्या-क्या करना चाहिए...


डेंगू वाले मच्छर कितने खतरनाक
डेंगू एडीज एजिप्टी नाम के मादा मच्छरों से फैलता है. इन मच्छरों की उम्र एक ही महीने की होती है, लेकिन पूरे जीवनकाल में 500 से 1,000 तक मच्छरों को जन्म दे देती है. ये मच्छ सिर्फ तीन फीट तक ही उड़ सकते हैं. इस कारण सिर्फ लोअर लिंब्स पर ही डंक मारते हैं.


डेंगू के मच्छर कूलर, गमलों, फ्लावर पॉट, छत पर पड़े पुराने बर्तनों और टायर, गड्ढों में भरे पानी में अंडे देती हैं. एक बार में 100 से 300 तक अंडे देती हैं, जिनसे 2 से 7 दिन में लार्वा बन जाते हैं. इसके 4 दिन में मच्छर की शेप ले लेते हैं और दो दिन में ही उड़ने लगते हैं.


डेंगू मच्छर के काटने के कितनी देर बाद असर
डेंगू के मच्छर काटते ही डेंगू के लक्षण या असर नहीं नजर आते हैं. कुछ दिनों बाद इसका प्रभाव हो सकता है. एडीज मच्छरों के काटने के करीब 3 से 5 दिनों बाद ही डेंगू बुखार के लक्षण नजर आते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डेंगू के मच्छर सिर्फ सुबह और शाम में ही काटते हैं. दोपहर और रात में ये घर के कोने, पर्दे के पीछे या नमी वाली जगहों पर जाकर छिप जाते हैं. ये मच्छर ज्यादा ऊंचे नहीं उड़ पाते, इसलिए सिर्फ पैरों से लेकर घुटनों तक यानी लोअर लिंब्स पर ही डंक मार पाते हैं.


डेंगू बुखार के लक्षण 
तेज बुखार
सिरदर्द
मांसपेशियों में दर्द
स्किन पर लाल रंग के दाने
आंखों के पिछले हिस्से में दर्द
जोड़ों में दर्द
सूजन आना
मसूड़ों और नाक से खून निकलना 


डेंगू से बचाव के उपाय
1. शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें.
2. मच्छरदानी लगाकर ही सोएं, दिन के समय मच्छर भगाने वाले लोशन या ऑयल का इस्तेमाल करें.
3. टूटे बर्तन, पुराने टायर, गमलों, फ्लावर पॉट और ड्रमों, कूलर में पानी न जमा होने दें.
4. टंकी के पानी को समय-समय पर साफ करते रहें.
5. डेंगू के लक्षण नजर आने पर तुरंत अस्पताल में जाकर जांच करवानी चाहिए और अच्छे डॉक्टर से इलाज करवाना चाहिए.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 


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