हम हर रोज़ खाना खाते हैं और इसी आधार पर हमने खाने को अलग-अलग कैटगरी में बांट रखा है. जैसे हेल्दी फूड्स और अनहेल्दी फूड्स, सॉलिड खाना और लिक्विड खाना, जल्दी पचने वाला खाना और देर से पचने वाला खाना. इसी को ध्यान में रख कर हम अपने खाने की प्लानिंग करते हैं. ऐसे ही एक मोस्ट कॉमन खाने वाली चीज़ है गेहूं की रोटी.


ये इंडियन खाने का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है. हम इसे अपने हर दिन के आहार में शामिल करते हैं क्योंकि इसे खाने से हमारे शरीर को पोषक तत्व और एनर्जी मिलती है.  लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि एक रोटी हमारे पेट में कितनी देर में पचती है? या ये रोटी पेट में कितनी देर ऐसे ही भरी रहती है? बहुत से लोगों के मन में ये सवाल तो जरूर आता होगा. आइए जानते हैं कि रोटी को पचने में कितना वक्त लगता है. 


रोटी क्या है?


रोटी रोज़ाना खाई जाने वाली इंडियन डिश है. रोटी को अलग-अलग सब्जियों के साथ नहीं तो अन्य खानो के साथ खाया जाता है. इन्हें गेहूं के आटे और पानी से बनाया जाता है, आटे में पानी डालकर पतला गोलाकार या अंडाकार बनाया जाता है. फिर इसे बेलकर और सेंक कर सर्व किया जाता है. रोटी के कइ अलग प्रकार होते हैं, जैसे गेहूं चपाती, पूरे गेहूं की चपाती, फूले हुए चपाती, ओवन में पकाई गई चपाती और लच्छा पराठा.


खाना पचने में कितना वक्त लगता है?


खाने को पचाने में लगने वाला समय खाने के टाइप पर निर्भर करता है. WebMD के अनुसार, डाइजेशन का प्रोसेस चबाने के साथ शुरू हो जाता है. फिर यह आपके पेट में एसिड और एंजाइम जारी करता है ताकि आपके खाए गए खाने को तोड़ा जा सके. इस प्रक्रिया के दौरान, खून का फ्लो बढ़ता है ताकि शरीर के सभी सेल्स को नरिश किया जा सके. प्रोसेस्ड भोजन को आपके शरीर से निकालने में लगभग 24 घंटे का समय लगता है, जिसका मतलब है कि जितना हेल्दी खाना होगा, उतनी ही तेज़ी से वह पचेगा. पचाने में लगने वाला समय हर इंसान में अलग होता है और ये उसके डाइजेस्टिव सिस्टम पर डिपेन्ड करता है. 


रोटी पचने में कितना वक्त लेती है?


रोटी के प्रकार के आधार पर, शरीर 1.5 घंटे से लेकर 2 घंटे तक इन्हें पचा सकता है. कुछ लोगों को अपने यूनीक डाइजेस्टिव सिस्टम के आधार पर 2.5 घंटे तक रोटी पचाने की आवश्यकता हो सकती है. यदि आपने ज्यादा से ज्यादा रोटी खाई है, तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है. एक हेल्दी डाइजेस्टिव सिस्टम आसानी से इन फ्लैटब्रेड को पचा सकता है.


रोटी खाना डाइजेशन के लिए सही है या नहीं?


रोटी एक भारतीय फ्लैटब्रेड है जो पिसे हुए गहूं के आटे से बनाई जाती है. इसमें पूरे गेहूं के आटे के कारण यह फाइबर और "चोकर" से भरपूर होती है. इसमें हाई फाइबर होने के कारण ये लोगों या डाइजेशन से रिलेटड समस्याएं जैसे कब्ज, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम या दस्त के लिए हेल्दी ऑप्शन बन सकता है. 


रोटी डाइजेस्ट ना होने का क्या कारण हो सकता है?


अगर आपको रोटी पचाने में समस्या होती है तो इसका मतलब आपको कार्बोहाइड्रेट इंटॉलेरेन्स है. कार्बोहाइड्रेट इंटॉलेरेन्स तब होती है जब शरीर में सलाइवा और पेट में अमिलेज़ नामक एंजाइम की मात्रा कम होती है. इसकी वजह से कुछ कार्बोहाइड्रेट को टूटने नहीं दिया जाता.


रोटी खाना सेहत के लिए फायदेमंद कैसे हो सकता है?


जैसा कि पहले भी बताया गया कि रोटी फाइबर का एक अच्छा स्रोत है. फाइबर आपके शरीर की कई तरह से मदद करता है, जिसमें कोलेस्ट्रॉल को कम करना और आपको भोजन के लिए देर तक भरा हुआ महसूस करने में मदद करना शामिल है. हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के अनुसार, औसत अमेरिकी हर दिन केवल 15 ग्राम फाइबर प्राप्त करता है जबकि उन्हें प्रतिदिन 25 से 30 ग्राम फाइबर प्राप्त करना चाहिए. फाइबर वजन घटाने में भी मदद कर सकता है.


रोटी में भी भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है. लेकिन प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स की मात्रा कम होती है. कार्बोहाइड्रेट ज्यादा खाने से बल्ड प्रेशर तेजी से घट सकता है. इससे थकान, चक्कर आना, चिढ़चिढ़ापन बदलाव का कारण बन सकता है. लंबे समय तक कम बल्ड प्रेशर वजन बढ़ने, डायबिटीज, कैंसर, हाई कोलेस्ट्रॉल या हार्ट प्रॉब्लम का कारण बन सकता है. अगर आप किसी भी वजह से रोटी को ज्यादा मात्रा में खा रहें हैं तो सलाह दी जाती है कि आप और खानों के साथ रोटी को खाएं. इस बात का ध्यान भी रखें कि आप प्रोटीन, फल, सब्जियों जैसी स्वस्थ चीजें भी खाते रहें. 


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