Heart Attack: हार्ट अटैक छू तक नहीं पाएगा, अगर जान लेंगे ये जरूरी बातें
कार्डियोलॉजिस्ट्स के मुताबिक, अगर अपने दिल की सही-सही जानकारी हो तो हार्ट डिजीज का खतरा काफी कम किया जा सकता है. इससे हार्ट अटैक से लाइफटाइम बच सकते हैं. इसके अलावा लाइफस्टाइल को सही रखना चाहिए.
Heart Attack : हार्ट अटैक का बढ़ता खतरा हर किसी के लिए चेतावनी की तरह है. खराब लाइफस्टाइल और खानपान युवाओं में इसका खतरा बढ़ा रहा है. यह एक जानलेवा कंडीशन है. जरा सी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है. कार्डियोलॉजिस्ट्स का कहना है कि अगर किसी को अपने दिल की सही-सही जानकारी है तो वह हार्ट अटैक से बच सकता है. मतलब हार्ट अटैक का खतरा हमेशा-हमेशा के लिए टाल सकता है और खुशहाल जिंदगी जी सकता है. जानिए कैसे...
हार्ट अटैक का खतरा क्यों बढ़ रहा है, इससे कैसे बचें
गलत लाइफस्टाइल, खाने पीने में गड़बड़ी, तनाव और फैमिली हिस्ट्री दिल की बीमारियों के बढ़ने का प्रमुख कारण है. हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि सही लाइफस्टाइल और हल्के फुल्की एक्सरसाइज करके हार्ट डिजीज के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
दिल के ब्लॉकेज की जानकारी
डॉक्टर्स का कहना है कि अगर किसी इंसान को पहले से पता हो कि उसके लेफ्ट मेन में ब्लॉकेज है तो वह ज्यादा अलर्ट रहेगा. इससे अचानक से हार्ट अटैक से मौत का खतरा काफी कम रहेगा. बस उस व्यक्ति को समय-समय पर अपना फुल बॉडी चेकअप करवाते रहना है. इससे समय रहते ही अंदर की बीमारी पता चल जाएगी और उसका सही समय पर इलाज हो पाएगा. डॉक्टरों का कहना है कि जिस तरह युवाओं में हार्ट अटैक (Heart Attack Risk) का रिस्क बढ़ रहा है, उसके लिए 25 से 30 साल की उम्र में ही शरीर की जांच करवानी चाहिए.
लेफ्ट मेन कोरोनरी आर्टरी कितना महत्वपूर्ण
हमारा दिल पूरी तरह बॉडी को ब्लड सप्लाई पर काम करता है. वह खुद के लिए तीन ट्यूब ही लेता है. इसमें एक लेफ्ट मेन कोरोनरी आर्टरी (LMCA) और दूसरा राइट मेन (RCA) है. यह हार्ट की ट्यूब को 30% तक ब्लड सप्लाई करता है, जबकि लेफ्ट 70% तक ब्लड सप्लाई का काम करता है.
यह ट्यूब एक इंच का होता है. यह दो भागों में बंटा होता है. एक सामने और दूसरा पीछे जाता है. सामने वाले को LAD कहते हैं, जो हार्ट को 50% तक पावर देता है, वहीं पीछे जाने वाली ट्यूब LCX हार्ट को 20% तक पावर देता है. मतलब अगर लेफ्ट मेन बंद हो जाए तो एलएडी और एलसीएक्स दोनों खराब हो जाएंगे. इससे हार्ट अटैक का रिस्क काफी ज्यादा बढ़ जाता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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