सांस की तकलीफ या बराबर खांसी के मरीजों को होशियार हो जाना चाहिए. विशेषज्ञों का कहना है कि फेफड़ों की नालियों में जमा होनेवाला बलगम नजला, जुकाम के बैक्टीरिया का ठिकाना बन जाते हैं. ये बलगम कभी-कभी सख्त खांसने पर भी बाहर नहीं निकलता. नालियों को जकड़े रखती है और अक्सर फेफड़ों के खतरनाक संक्रमण का कारण बनता है.


खांसी का संबंध श्वसन तंत्र से


विशेषज्ञों का कहना है कि खांसी चाहे किसी भी तरह की हो उसका संबंध श्वसन तंत्र में पैदा होनेवाले किसी खराबी से जरूर होता है. गले की खराबी, हलक में सूजन, सांस की नाली में किसी तरह का संक्रमण होना या फेफड़ों की खराबी, खांसी की वजह बनती है. खांसी का प्रभावी इलाज न होने पर ये समस्या खतरनाक हो सकती है. हालांकि मामूली खांसी होना फायदेमंद है. इससे सांस की नाली साफ होती रहती है. मगर सूखी खांसी आने पर घरेलू इलाज मुफीद साबित होगा.


सूखी खांसी दूर करने के नुस्खे


नींबू के जूस से तौलियो को भिगोकर सीने पर लपेटने से खांसी में आराम मिलता है. गर्म दूध में शहद मिलाकर सेवन करने से फेफड़ों से बलगम साफ हो जाता है. नमक के पानी से गरारा करने और नमक के गर्म पानी का भाप लेने से नाक और गले की सूजन में कमी आती है और सांस की नाली पर हमलावर बैक्टीरिया भी मर जाते हैं. इस तरह सूखी खांसी पर काबू पाया जा सकता है.


सुबह, दोपहर और शाम को दो चम्मच शहद में चार दाने पिसी हुई काली मिर्च मिलाकर इस्तेमाल करें. इसके अलावा एक प्याला अंगूर के जूस में एक चम्मच शहद मिला कर सेवन करना सूखी खांसी का प्रभावी इलाज है.


बादाम के सात दाने पानी में भिगोएं. सुबह छिलका उतारकर चीनी और मक्खन के साथ मिलाकर सेवन करें. सूखी खांसी के लिए कामयाब नुस्खा है.


कच्चा अमरूद चूल्हे पर भून कर नमक में मिलाकर खाएं. इसके अलावा दो प्याज को आग पर भून लें. जब उसका बाहरी छिलका जल कर काला हो जाए तो छिलका उतार कर अंदरुनी हिस्से को रगड़ें. बारीक होने पर छान कर उसका पानी अलग कर लें. अब उसमें बराबर मात्रा में शहद मिलाएं. ये लिक्विड एक चम्मच सुबह शाम मरीज को देने पर खांसी में हैरत अंगेज फायदे होंगे. मुलेठी चबाने से भी काफी हद तक सूखी खांसी में कमी आती है.


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