अब गांव में ही हो जाएगा मेडिकल टेस्ट, ICMR का ड्राफ्ट तैयार, जल्द शुरू होंगी सुविधाएं
मौजूदा समय में ग्रामीण क्षेत्रों में कई तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं चलाई जा रही हैं लेकिन उनमें बेसिक क्लीनिकल सुविधाएं और कई बीमारियों का टेस्ट नहीं हैं जिसकी वजह से वहां के लोगों को दूर जाना पड़ता है.
Health Facilities : इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने एक ऐसी लिस्ट तैयार की है, जो जल्द ही गांव में सरकार की ओर से दी जा रहीं सभी हेल्थ फैसेलिटीज के लिए गाइड का काम करेगी. इसकी मदद से स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पतालों में आयुष्मान आरोग्य मंदिर (AAM) में लोगों का इलाज हो सकेगा.
इसे नेशनल एशेंशियल डायग्नोसिस लिस्ट (NEDL) कहा जाता है, जिसका ड्राफ्ट पब्लिक डोमेन में रखा गया है. यह सलाह देता है कि गांव स्तर की स्वास्थ्य सुविधाओं में भी कम से कम 9 तरह के डायग्नोसिस टेस्ट मौजूद होनी चाहिए. ताकि लोगों को टेस्ट के लिए कहीं भटकना न पड़े. आइए जानते हैं इनमें कौन-कौन से मेडिकल टेस्ट शामिल हैं.
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ड्राफ्ट में कौन-कौन से मेडिकल टेस्ट
ICMR की ड्राफ्ट में डायबिटीज, मलेरिया, टीबी, HIV और सिफलिस के टेस्ट शामिल हैं. आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में ड्राफ्ट गाइडलाइन में सलाह दिया गया है कि हेपेटाइटिस बी के लिए बुनियादी टेस्ट के अलावा उपलब्ध होना चाहिए. इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) में डेंगू, जापानी एन्सेफलाइटिस और स्क्रब टाइफस सहित सभी सामान्य बीमारियों के लिए क्लीनिकल टेस्ट होने चाहिए. पीएचसी पर एक्स-रे एवं ईसीजी मशीनें भी उपलब्ध रहनी चाहिए.
ये टेस्ट भी बेहद जरूरी
प्रस्तावित गाइडलाइन में जिला-स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं पर सीटी स्कैन, एमआरआई, मैमोग्राफी और इकोकार्डियोग्राफी की उपलब्धता को अनिवार्य बताया गया है. इसमें कहा गया है कि बीमारियों के समय पर पहचान और उनका इलाज करने के लिए प्रस्तावित दिशानिर्देशों की बहुत ज्यादा जरूरत है.
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क्यों पड़ी जरूरत
बता दें कि मौजूदा समय में ग्रामीण क्षेत्रों में कई तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं चलाई जा रही हैं लेकिन उनमें बेसिक क्लीनिकल सुविधाएं नहीं हैं. जिसकी वजह से वहां के लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ता है. परेशान होकर दूर प्राइवेट या बड़े अस्पतालों में जाना पड़ता है. जहां लंबे समय तक इंतजार करने के बाद कहीं नंबर आता है.
इससे कई बार तो समय पर इलाज नहीं हो पाता है और परेशआनी बढ़ जाती है. इससे समय का भी नुकसान होता है. कई बार ये खतरनाक भी साबित हो जाता है. ऐसे में नया ड्राफ्ट काफी अच्छा हो सकता है. इससे मेडिकल ट्रीटमेंट में काफी मदद मिल सकती है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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