IVF Treatment : नेचुरल तरीके से मां-बाप न बन पाने वाले कपल आईवीएफ (IVF) की मदद ले रहे हैं. आईवीएफ (IVF) का फुल फॉर्म इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (in Vitro Fertilization) से कई लोगों को माता-पिता का सुख मिला है. हालांकि, इससे जुड़े कई ऐसे सवाल भी लोगों के मन में रहते हैं. आईवीएफ क्लिनिक में आकर ऐसी तमाम डिमांड रखते हैं, डॉक्टर्स से पूछा जाता है कि कैसे उनका बच्चा अलग और खूबसूरत हो सकता है...इनमें से एक है कि क्या आईवीएफ में अपनी मर्जी से लड़का या लड़की पैदा कर सकते हैं. आइए जानते हैं सच...




IVF की प्रॉसेस क्या है




आईवीएफ के दौरान पुरुष के स्पर्म और महिला के एग लेकर एंब्रियो बनाने की प्रकिया शुरू की जाती है. इसमें महिला के अंडों और पुरुष के स्पर्म को लैब में साथ रखकर फर्टिलाइज किया जाता है. इसके बाद भ्रूण को महिला के गर्भ में ट्रांसफर किया जाता है.




लड़का है या लड़की कैसे पता चलता है




एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर महिला का X क्रोमोजोम पुरुष के Y क्रोमोजोम को मिलाया जाए तो पता लगाया जा सकता है कि किसी महिला के गर्भ में लड़का है या लड़की. लेकिन भारत में इस लेवल का टेस्ट कहीं नहीं किया जाता है. इसके अलावा जब एंब्रियो तैयार होता है, तो उस समय भी जांच करके बच्चे का लिंग का पता लगाया जा सकता है.


किनके लिए होती है आईवीएफ तकनीक 



आईवीएफ तकनीक उन महिलाओं के लिए हैं जो महिलाएं सामान्‍य रूप से गर्भ धारण नहीं कर सकती हैं. आईवीएफ ट्रीटमेंट में महिला के ऐग और पुरुष के स्‍पर्म को लैब में फर्टिलाइज करके भ्रूण का निर्माण किया जाता है सामान्‍य भाषा में समझे तो जो महिलाओं कुछ स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी या किसी खराबी या उम्र के चलते गर्भवती नहीं हो पा रही हैं तो उनके ऐग्स को पुरुष के स्‍पर्म से मिलाया जाता है और उसके मिलने से भ्रूण बन जाता है और उसे महिला के गर्भाशय में डाल दिया जाता है.





क्या IVF से मनपसंद बच्चा पैदा कर सकते हैं




डॉक्टरों के मुताबिक, साइंस में सब कुछ मुमकिन है लेकिन कानूनी तौर पर जन्म से पहले किसी बच्चे का लिंग पता करना या लिंग तय करना मतलब लड़का या लड़की पहले ही तय करके पैदा करना कानूनी अपराध है. इसमें शामिल हर इंसान को जेल हो सकती है. बेटा और बेटी में फर्क करना कानूनी और सामाजिक तौर पर गलत है. बच्चे का लिंग कुछ भी हो उसे दुनिया में आने का पूरा हक होता है.




IVF के बाद क्या करें




1. आईवीएफ के बाद भारी सामान उठाने से बचें. इससे गर्भपात का खतरा रहता है.




2. आईवीएफ प्रॉसेस के बाद ज्यादा मेहनत वाले वर्कआउट न करें. 




3. इस ट्रीटमेंट के बाद धूम्रपान से बचना चाहिए.




4. आईवीएफ के बाद शराब पीने से भी बचना चाहिए. कैफीन और अन्य दवाएं भी नहीं लेनी चाहिए.



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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