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Intermittent Fasting : अगर आप भी वेट लॉस के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग को करते हैं फॉलो तो ये जानकारी जानना है बेहद जरूरी
इंटरमिटेंट फास्टिंग फैटी लीवर की बीमारी के जोखिम को कम करने और लीवर एंजाइम में सुधार करने में मदद कर सकता है, लेकिन इस खाने के पैटर्न को सावधानी के साथ अपनाना काफी जरूरी होता है.
Intermittent Fasting : इंटरमिटेंट फास्टिंग काफी पॉपुलर हेल्थ और फिटनेस को बेहतर करने का तरीका है. अपनी लाइफ को बेहतर बनाने और वजन करने के साथ हेल्दी रहने के लिए लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. इसमें खाने के पैटर्न का खास ख्याल रख हेल्दी डाइट तरीका अपनाया जाता है. बॉलीवुड सेलिब्रिटीज आलिया भट्ट, भारती सिंह, वरुण धवन और मलाइका अरोड़ा जैसी हस्तियां इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) से अपना काफी वजन कम कर चुकी हैं. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, इंटरमिटेंट फास्टिंग आपको कम खाना खाने को मजबूर कर कैलोरी की खपत को कम कर सकता है. इसमें हफ्ते में 5 दिन खाना और बाकी के दो दिन कैलोरी का कम सेवन करना होता है. लेकिन क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग आपके लिवर के लिए सही होता है. आइए जानते हैं...
इंटरमिटेंट फास्टिंग कितना बेहतर
इंटरमिटेंट फास्टिंग, वजन कम करने का कारगर तरीका माना जा सकता है. कुछ रिस्ट्रिक्शन्स की वजह से लाइफस्टाइल के लिए यह सही तरीका नहीं माना जाता है. वजन मेंटेन रखने के लिए लंबे समय के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग की मदद नहीं ली जा सकती है. छोटे-छोटे अंतराल में एक दिन में कई बार भोजन लेना काफी सही तरीका माना जाता है. इंटरमिटेंट फास्टिंग के लिए करीब आधा समय भूखा ही रहना पड़ता है.
इंटरमिटेंट फास्टिंग लिवर के लिए कितना सही
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, लीवर हमारी बॉडी का काफी महत्वपूर्ण अंग है. यह मेटाबॉलिज्म और एनर्जी प्रोडक्शन समेत कई इंपॉर्टेंट काम करता है. जब आप उपवास करते हैं, तब आपका लिवर बॉडी को एनर्जी देने के लिए ग्लूकोज का उत्पादन करने जमा ग्लाइकोजन को तोड़ने का काम करता है. हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि लंबे समय तक उपवास करने से लीवर के हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है. इससे कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं.
वजन कम करने में मददगार
इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन घटाने में काफी मददगार है. वजन को कम कर यह फैटी लीवर को कई तरह की बीमारियों के जोखिम से बचाने का काम कर सकता है.यह कई रिसर्च में भी पाया गया है. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, फैटी लिवर की बीमारी तब होती है, जब लिवर में अतिरिक्त फैट जमा हो जाती है, जिससे सूजन और क्षति हो सकता है. ज्यादा शराब पीने और खराब लाइफस्टाइल की वजह से फैटी लिवर की बीमारी ज्यादा होती है.
लिवर एंजाइम से राहत
लिवर एंजाइम का हाई लेवल अक्सर लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है. कई स्टडीज में पाया गया है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग लिवर एंजाइम को कम कर सकता है, जो लिवर की हेल्थ में सुधार का संकेत भी देता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इंटरमिटेंट फास्टिंग ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन को कम करने का काम करता है, जिससे लीवर को नुकसान हो सकता है.
इंटरमिटेंट फास्टिंग के नुकसान
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, यह ध्यान रखना जरूरी है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग हर किसी के लिए सही नहीं हो सकता है. खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें पहले से ही किसी तरह की लिवर संबंधी समस्याएं हैं. इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान सही खानपान बनाए रखना भी जरूरी होता है. ताकि लीवर को पोषक तत्व मिल सकें. इंटरमिटेंट फास्टिंग का लिवर पर पॉजिटिव और निगेटिव दोनों तरह का प्रभाव पड़ सकता है. यह फैटी लीवर की बीमारी के जोखिम को कम करने और लीवर एंजाइम में सुधार करने में मदद कर सकता है, लेकिन इस खाने के पैटर्न को सावधानी के साथ अपनाना काफी जरूरी होता है.
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