Keratin Treatment : आजकल बालों को ज्यादा खूबसूरत बनाने के लिए लोग केराटिन ट्रीटमेंट करवा रहे हैं. महिलाएं फ्रिजी बालों से छुटकारा पाने, उसे ज्यादा शाइनी बनाने, स्ट्रेट और सिल्की बनाने के लिए हर 6 महीने में इस ट्रीटमेंट को ले रही हैं. इसका फायदा भी कुछ हद तक होता है लेकिन बालों की खूबसूरती बढ़ाने वाला यह ट्रीटमेंट शरीर के कई अंगों के लिए हानिकारक भी हो सकता है. हाल ही में हुई एक रिसर्च के मुताबिक, केराटिन ट्रीटमेंट किडनी को खराब कर सकता है. जानिए कैसे...


केराटिन ट्रीटमेंट कितना हानिकारक
'द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन' में पब्लिश हालिया स्टडी रिपोर्ट में बताया गया है कि केराटिन बेस्ड हेयर स्ट्रेटनिंग प्रोडक्ट्स में ग्लाइऑक्सीलिक एसिड (Glyoxylic Acid) होता है, जो एक्यूट किडनी इंजरी का रिस्क तेजी से बढ़ा सकता है. अमेरिकन जर्नल ऑफ किडनी डिजीज में पब्लिश एक स्टडी रिपोर्ट में भी इसी तरह का रिजल्ट देखने को मिला था.


शोधकर्ताओं ने इजरायल में 26 ऐसे मरीजों की पहचान की, जिन्होंने बालों को स्ट्रेट कराने के लिए केराटिन बेस्ड हेयर स्ट्रेटनिंग का इस्तेमाल किया था. इन सभी में गंभीर एक्यूट किडनी इंजरी थी. अध्ययन के अनुसार, इनमें से 7 मरीजों की किडनी बायोप्सी हुई, जिसमें से 6 में ट्राट्यूबुलर कैल्शियम ऑक्सालेट जमाव और एक के ट्यूबलर सेल्स में माइक्रोकैल्सीफिकेशन मिला था.


केरोटिन ट्रीटमेंट का किडनी पर कितना असर
पहले केराटिन बेस्ड हेयर स्ट्रेटनिंग प्रोडक्ट्स में फॉर्मेल्डिहाइड पाया जाता था, जिसका बुरा असर बालों, आंखों और त्वचा पर पड़ता था. बाद में फॉर्मेल्डिहाइड को ग्लाइकोलिक एसिड में बदल दिया गया. तब लगा कि इसके केराटिन प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से कोई नुकसान नहीं होगा लेकिन 'द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन' में प्रकाशित रिपोर्ट में इसके भी नुकसान बताए गए हैं.


एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब ग्लाइकोलिक एसिड मेटाबोलाइज होने लगता है तो ग्लाइऑक्सिलिक एसिड ज्यादा बन जाता है और बाद में ऑक्सालेट बनाने का काम करता है. यह किडनी को नुकसान पहुंचाने का काम करता है. ग्लाइकोलिक एसिड जब खून में घुल जाता है तो ऑक्सालेट में बदल जाता है, जिससे किडनी की दिक्कतें बढ़ सकती हैं.


केराटिन हेयर ट्रीटमेंट को लेकर सावधानियां
ग्लाइकोलिक एसिड कई ब्यूटी प्रोडक्ट्स जैसे फेस प्रोडक्ट्स, टोनर, सीरम, मॉइस्चराइजर में भी इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि, इनमें काफी कम मात्रा की वजह से इसका निगेटिव असर किडनी पर ज्यादा नहीं होता है. लेकिन केराटिन-बेस्ड हेयर प्रोडक्ट्स में ए़सिड की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे खतरा बढ़ सकता है.


ऐसे में केराटिन बेस्ड हेयर ट्रीटमेंट लेते समय उस कमरे का वेंटिलेशन सही रखना चाहिए. हैंड ग्लव्स और मास्क पहनना चाहिए, ताकि नाक या अन्य किसी माध्यम से यह ब्लड तक न पहुंचे. इसके अलावा स्किन एक्सपर्ट की सलाह के बाद ही इस ट्रीटमेंट को लेना चाहिए.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 


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