Appendicitis Treatment: वैसे तो अपेंडिसाइटिस एक आम समस्या है, लेकिन कई बार इसे नजरअंदाज करना घातक हो सकता है. इसलिए जरूरी है कि सबसे पहले अपेंडिसाइटिस को पूरी तरह समझा जाए और उसके संकेतों को समझा जाए. इससे किसी बड़ी समस्या में पड़ने से बच सकते हैं. पेट में दर्द, मतली, बुखार और उल्टी अपेंडिसाइटिस के ये कुछ प्रमुख लक्षण हैं. अगर समय पर इसका ट्रीटमेंट न हो तो अपेंडिक्स फट सकता है और इससे जान भी जा सकती है. आइए जानते हैं इससे जुड़ी हर एक जरूरी डिटेल्स...

 

अपेंडिसाइटिस क्या होता है

अपेंडिक्स की सूजन को अपेंडिसाइटिस कहते हैं। यह पेट के दाएं हिस्से के निचले भाग में बड़ी आंत की एक छोटी थैली जैसी संरचना है. पेट दर्द के आम कारणों में से यह एक है. सर्जरी करना ही अपेंडिक्स का एकमात्र इलाज है।

 

अपेंडिसाइटिस के संकेत

नाभि के आसपास अचानक तेज दर्द

निचले दाएं पेट में दर्द

बार-बार खांसी होना

चलते समय थकान होना

 

अपेंडिसाइटिस का इलाज

अपेंडिसाइटिस है कि नहीं इसका पता कई तरह के परीक्षण और प्रक्रियाओं से चलता है. सर्जरी से ही अपेंडिक्स को हटाया जाता है. इसके लिए सर्जरी के बाद एंटीबायोटिक दवाओं का कोर्स भी होता है. एक्सपर्ट डॉक्टरों के मुताबिक, गैस्ट्रिक रोगों के लिए जरूरी 3 से 5 प्रतिशत सर्जरी के लिए तीव्र अपेंडिसाइटिस होता है. यह समस्या बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं में भी मिलती है. 15 से 30 साल की उम्र में यह समस्या ज्यादा पाई जाती है. अपेंडिसाइटिस का सबसे आम कारण अपेंडिक्स की परत में रुकावट है, जिससे इंफेक्शन का खतरा भी रहता है. 

 

कब लेनी चाहिए डॉक्टर की सलाह

जब कभी भी पेट में दर्द काफी बढ़ जाए, मतली, सूजन, बुखार ठंड लगना या भूख न लगना अनुभव होने लगे तो कभी भी देर नहीं करना चाहिए. ऐसी स्थिति में तत्काल डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. ऐसी समस्या में ब्लड काउंट (CBC), यूरिनलिसिस, पेट का अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन या MRI जैसे टेस्ट की सलाह दी जाती है. तेज अपेंडिसाइटिस के मामले में डॉक्टर अपेंडिक्स को लेप्रोस्कोपिक हटाने की सलाह भी दे सकते हैं. ताकि मरीज का दर्द कम हो और इससे छुटकारा मिल सके.

 

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