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Health Tips: डर और फोबिया होते हैं अलग-अलग, बारीकी से समझें दोनों के बीच का अंतर
Fear and Phobia : जब एक व्यक्ति को खतरे का आभास होता है तब इस स्थिति में उसे डर लगता है. जबकि फोबिया में किसी को ऐसी किसी चीज से डर या भय रहता है, जिससे उसे जिंदगी में कोई खतरा नहीं रहता है.
Difference Between Fear and Phobia : डर और फोबिया को कुछ लोग एक ही समझने की भूल करते हैं लेकिन ये अलग-अलग होते हैं. हर किसी के मन में सभी तरह के भाव होते हैं, जिसमें खुशी, घृणा, उत्साह और डर भी शामिल होता है. कुछ लोगों को कई चीजों से डर लगता है. जबकि कुछ लोगों को कुछ खास परिस्थिति से फोबिया (Phobia) होता है. दोनों ही स्थिति खतरनाक होती है. आइए जानते हैं दोनों के बीच का अंतर और समझते हैं इनसे बचने का तरीका..
डर क्या है?
डर हमारे शरीर का एक इमोशनल रिस्पॉन्स होता है. जब एक व्यक्ति को खतरे का आभास होता है तब इस स्थिति में उसे डर लगता है. जब हमारी जिंदगी में कोई निगेटिव एक्सपीरियंस भी होता है तब भी डर हमारे मन में पैदा हो जाता है. तो आपको वो दृश्य डर पैदा कर सकता है. इसके अलावा, बच्चों के मन में कुछ बाते सुनकर भी डर लगने लगता है. लेकिन एक बार जब वो व्यक्ति हिम्मत करके अपने डर का सामना करता है तो वो डर उसके मन से आसानी से निकल भी जाता है.
फोबिया क्या है?
फोबिया में व्यक्ति को ऐसी किसी चीज से डर या भय रहता है, जिससे उसे जिंदगी में कोई खतरा नहीं रहता है. फोबिया एक तरह का बेवजह का डर भी होता है. फोबिया के प्रति लोगों की प्रतिक्रिया इतनी इंटेंस होती है वो इसके कारण अपनी लाइफ स्टाइल को बिगाड़ लेते हैं. जैसे किसी को बाइक चलाने से डर लगता है तो इतना डरता है कि, जिंदगी भर बाइक नहीं चला पाता है. बाइक चलाने के बारे में सोचने पर ही उसे घबराहट या फिर एंग्जाइटी होने लगती है.
डर और फोबिया के बीच अंतर
1. डर एक नेचुरल इमोशनल रिएक्शन होता है, जबकि फोबिया एक तरह का एंग्जाइटी डिसऑॅर्डर है.
2. डर के पीछे कोई खास वजह हो सकती है, लेकिन फोबिया का ऐसा कोई आधार नहीं होता है. यहां तक कि इंसान को खुद पता होता है कि, उसे इस डर से कोई नुकसान नहीं होगा, ये जानकर भी वो अपने अंदर फोबिया को दूर नहीं कर पाता है.
3. जब व्यक्ति किसी चीज से डर जाता है, तो वो खुद हिम्मत करके उसका सामना कर लेता है. जब व्यक्ति को किसी खास चीज का फोबिया होता है तो वो चाहकर भी इससे बाहर नहीं निकल पाता है.
4. मन के फोबिया को दूर करने के लिए व्यक्ति को डॉक्टर की सलाह की आवश्यकता होती है. और इससे निकलने में समय लग सकता है.
5. डर के कारण किसी व्यक्ति की दिन-प्रतिदिन जिंदगी में कोई फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन फोबिया के चलते व्यक्ति की लाइफ पर असर पड़ता है.
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