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डिलीवरी के बाद 22% माएं हो जाती हैं पोस्टपार्टम डिप्रेशन का शिकार, तो Dear Moms... इससे बचने के लिए ऐसे रखें अपनी मेंटल हेल्थ का ख्याल
बच्चे के अच्छे विकास और उनकी देखभाल के लिए मां का खुश रहना काफी महत्वपूर्ण होता है.अगर डिलीवरी के बाद एक महिला की हेल्थ ठीक नहीं है तो उसका सीधा असर बच्चे की देखभाल और उस महिला के रिश्ते पर पड़ता है.
Mental Health Tips : स्लमडॉग मिलेनियर (Slumdog Millionaire) वाली एक्ट्रेस फ्रीडा पिंटो इन दिनों अपना मदरहुड पीरियड कर रही हैं. उनका बेटा अब 2 साल का हो गया है. इस मौके पर हॉलीवुड एक्ट्रेस ने अपनी पोस्टपार्टम पर खुलकर बातचीत की. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि बेटा होने के तीन महीने बाद वे काफी घबराहट में थीं. वे डिप्रेशन फील कर रही थीं और ऐसा लग रहा था कि वे अकेली हैं. इन सबसे बाहर निकलने के लिए उन्होंने थेरेपिस्ट की हेल्प ली. बॉलीवुड एक्ट्रेस Sameera Reddyके साथ भी ऐसा ही हुआ था. अपने इंस्टाग्राम पर उन्होंने पहले बच्चे के होने के बाद मानसिक अस्थिरता की बात कही. इसके चलते वे अपनी शादी भी नहीं संभाल पा रही थीं. उन्होंने लिखा- 'PPD hit me like a Brick.' PPD तलब Postpartum Depression.
पोस्टपार्टम डिप्रेशन से 22% महिलाएं परेशान
WHO के मुताबिक, भारत में 22 परसेंट महिलाएं पोस्टपार्टम डिप्रेशन से गुजरती हैं. भले ही मां बनना सबसे अच्छा एहसास है लेकिन इसके बाद भी उदासी और एंग्जाइटी फील करना अलग तरह की समस्या है. जिसकी वजह से महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
पोस्टपार्टम डिप्रेशन क्या है
Postpartum Depression प्रेग्नेंसी के एक साल बाद तक शुरू हो सकती है. यह एक मानसिक समस्या है, जो सोचना, महसूस करने या काम करने को प्रभावित कर सकती है. इसलिए इसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है.
पोस्टपार्टम डिप्रेशन होने का कारण
प्रेग्नेंसी से लेकर डिलीवरी तक का वक्त एक महिला के लिए काफी चुनौतियों से भरा रहता है. इसलिए पोस्टपार्टम डिप्रेशन की कोई एक वजह नहीं होती है. प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं में मेंटली और इमोशनली कई तरह के चेंजेस आते हैं. कई हार्मोनल बदलाव भी होते हैं, जो इसके होने का कारण बन सकती है. प्रेग्नोंसी के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरॉन दोनों हार्मोन बढ़ने लगते हैं. इतना ही नहीं थायराइड कम होने लगती है और नींद ठीक से नहीं आती वजन बढ़ना और न्यू बॉर्न बेबी का ख्याल की चिंता इसकी वजह हो सकती है.
पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षण
1. हर महिला में पोस्टपार्टम डिप्रेशन के अलग-अलग लक्षण होते हैं.
2. भूख कम लगना
3. दिनभर उदास या निराश रहना
4. चिंता और बिना कारण रोने का मन करना
5. नींद का पूरी न हो पाना
6. थकान और कमजोरी
7. किसी काम में मन न लगना
8. चिड़चिड़ापन और गुस्सा
पोस्टपार्टम डिप्रेशन का इलाज
लक्षणों के आधार पर पोस्टपार्टम डिप्रेशन का इलाज अलग-अलग तरह से होता है. कई बार डॉक्टर चिंता से बचने के लिए दवाईयां देते हैं. कई बार डॉक्टर नई मां को साइकोलॉजिकल थेरेपी लेने की सलाह देते हैं. बेस्ट फ्रीडिंग कराने वाली महिला घरेलू तरह से भी इलाज कर सकती हैं.
डिलीवरी के बाद महिलाएं क्या करें
1. लाइफस्टाइल में बदलाव करें
2. दिन में कुछ समय अपने लिए भी निकालें
3. योगा और एक्सरसाइज करें
4. थोड़ी देर आराम करें
5. हेल्दी डाइट ही फॉलो करें
6. अपनी लाइफ में आए बदलाव को एक्सेप्ट करें
7. अपने करीबी के साथ अपनी प्रॉब्लम शेयर करें
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
Opinion