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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
जानें थाइरायड की समस्या को कैसे बढ़ाता है क्रॉनिक स्ट्रेस, क्या है दोनों में संबंध
तनाव और थायराइड फंक्शन के बीच संबंध होता है. यह हर व्यक्ति में अलग-अलग भी हो सकता है. तनाव थायराइड की समस्या को भले ही बढ़ा सकता है लेकिन इसका एकमात्र कारण नहीं है.
Stress And Thyroid: तनाव कई तरह की समस्याओं को जन्म दे सकता है. इसकी वजह से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और थायराइड जैसी समस्याओं का खतरा कई गुना तक बढ़ जाता है. खासकर तनाव, थायराइड (Stress And Thyroid) को ज्यादा ट्रिगर कर सकता है. दरअसल, तनाव के समय बॉडी में रिलीज होने वाले हॉर्मोन्स थाइरॉइड पर असर डालता है. ऐसे में सावधानी बरतनी चाहिए और स्ट्रेस खुद पर हावी नहीं होने देना चाहिए. आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं तनाव और थायरयड का संबंध...
तनाव और थायराइड का संबंध
तनाव और थायरयड ग्लैंड के काम अलग तरीके से ही सही आपस में जुड़े हुए हैं. गले में बटरफ्लाई के आकार की ग्लैंड बॉडी में एनर्जी प्रोडक्शन, मेटाबॉलिज्म रेगुलेशन और बॉडी टेंपरेचर को मेंटेन करने का काम करता है. जब यह निष्क्रिय होने की स्थिति में आता है तो कई समस्याएं पैदा करता है, जिसमें तनाव भी शामिल है.
तनाव किस तरह करता है थायराइड को प्रभावित
क्रोनिक स्ट्रेस ऑटोइम्यून थायरयड जैसे कि हाशिमोटो थायरॉयडिटिस और ग्रेव्स डिजीज के बढ़ते जोखिम से जुड़ा है. ऐसे में इम्मयून सिस्टम थायरयड ग्लैंड पर अटैक कर थायरयड के काम पर निगेटिव असर डाल सकते हैं. स्ट्रेस थायरॉयडिटिस के विकास को बढ़ा सकते हैं. ऐसी स्थिति में थायरॉयड ग्लैंड में सूजन आ सकता है, जो थायराइड हार्मोन के उत्पादन को भी प्रभावित कर सकता है. इससे लंबे समय तक थायरयड का काम बदल सकता है. इतना ही नहीं स्ट्रेस हाइपोथैलेमस और पिट्यूटरी ग्लैंड को भी प्रभावित कर सकता है, जो थायराइड हॉर्मोन्स को रेगुलेट करता है. क्रोनिक स्ट्रेस थायराइड हार्मोन के उत्पादन और रेगुलेशन को प्रभावित कर सकता है.
तनाव से बचने के लिए क्या करें
मानसिक समस्याओं को कंट्रोल कर आप कई तरह की समस्याओं को पहले ही रोक सकते हैं. तनाव से बचना है तो मेडिटेशन और योग की मदद लेनी चाहिए. ऐसी एक्टिविटीज में शामिल होना चाहिए, जो हैप्पी हार्मोंस को रिलीज करने का काम करते हैं. निगेटिव चीजों से दूरी बनानी चाहिए. थायराइड को स्थिर रखने टाइट पर फोकस करना चाहिए. लो आयोडीन वाली चीजें ही खानी चाहिए. प्रोबायोटिक्स जैसे योगर्ट का सेवन करना चाहिए. इसके अलावा ग्लूटेन फ्री और शुगर फ्री डाइट से थाइराइड हार्मोंस को मैनेज कर सकते हैं.
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